Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

कुर्सी पर बैठने से नाराज पूर्व विधायक के परिजनों ने महादलितों को बुरी तरह पीटा, 8 दिन बाद भी नहीं गिरफ्तारी

Janjwar Desk
19 July 2021 8:18 AM GMT
कुर्सी पर बैठने से नाराज पूर्व विधायक के परिजनों ने महादलितों को बुरी तरह पीटा, 8 दिन बाद भी नहीं गिरफ्तारी
x

(पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा के परिवार वालों के विरुद्ध उस वक्त दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है, जब महादलित बस्ती पर हमले की जांच के लिए वे भाकपा (माले) के दल के साथ गए थे।)

भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दुल्हिनगंज गांव के महादलित टोले में 11 जुलाई की रात कुर्सी पर बैठने के विवाद को लेकर दो गुटों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दलित टोले के दो महिला समेत आधा से अधिक लोगों की लाठी-डंडों से जमकर पिटाई कर दी गई....

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार के आरा जिले के जगदीशपुर प्रखंड के दुल्हिनगंज गांव स्थित महादलित टोला में हुए बवाल का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। आरोप है कि यहां की नट समुदाय की महादलित बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों को दूसरे पक्ष के लोगों ने मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस घटना में कई महिलाओं समेत लगभग 15 लोग जख्मी हो गए थे।

घटना बीते 11 जुलाई की रात की है। इस प्रकरण के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से भाकपा (माले) ने आंदोलन की राह पकड़ ली है। पार्टी के विधायक मनोज मंजिल ने कहा है कि "दुल्हिनगंज में महादलितों पर हुए हमले और मेरे साथ हुए दुर्व्यवहार की बिहार विधानसभा SC/ST कमिटी जांच करेगी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जी की अध्यक्षता में हुई कमिटी मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है।"

विधायक ने स्थानीय थाने में एक लिखित तहरीर दी है। इस तहरीर में उन्होंने पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा के परिवार वालों के विरुद्ध उस वक्त दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है, जब महादलित बस्ती पर हमले की जांच के लिए वे भाकपा (माले) के दल के साथ गए थे।

हालांकि जेडीयू के स्थानीय नेतागण इस घटना को दो पक्षों के बीच विवाद का मामला बताते हुए इसे जातीय रंग दिए जाने की कोशिश बता रहे हैं। अगिआंव के पूर्व विधायक प्रभुनाथ राम ने कहा, "दुल्हिनगंज में नट टोली के लोगों और दीपू कुशवाहा और उसके साथियों के बीच मारपीट की घटना हुई है। इसमें किसी भी एससी-एसटी ऐक्ट की बात नहीं है। विधायक मनोज मंजिल द्वारा सरकार को बदनाम करने के लिए घटना को बेवजह जातीय रंग देने की कोशिश की जा रही है। किसी नेता के साथ भी कोई अभद्र व्यवहार नहीं हुआ है।"

वहीं थाने को दी गयी तहरीर में विधायक मनोज मंजिल ने आरोप लगाया है कि भाकपा (माले) का प्रतिनिधिमंडल जिसमे केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव, प्रखंड सचिव कमलेश यादव, विनोद कुशवाहा, ऐपवा की इंदु सिंह, आइसा नेता कमलेश यादव, शाहनवाज खान,अरुण सिंह आदि थे, के साथ पीड़ित परिवार से मिलने और घटना की जांच करने गए थे। पीड़ित परिवार के साथ बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री भगवान कुशवाहा के परिवार द्वारा दुर्व्यवहार किया गया और हमले की कोशिश की गयी।

पार्टी के जिला सचिव जवाहर लाल सिंह ने 11 जुलाई रात को दुल्हिनगंज में महादलित परिवार पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि नामजद मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अभी तक हमलवारों को पुलिस ने गिरफ्तार नही किया है। इस हमले ने सरकार को बेनकाब कर दिया है।

राजकुमारी देवी और उनकी बहू के सिर पर आरोपी पक्ष ने लोहे की रॉड से हमला किया था, जिससे गंभीर चोटें आयीं। वहीं आरोपियों पर राजकुमारी देवी की बेटी को घसीटकर बाहर ले जाने की कोशिश करने का आरोप भी है। जिस महादलित टोले पर मुखिया पक्ष द्वारा हमला किया गया उसमें नटों के लगभग 10 परिवार पिछले 50 वर्षों से रह रहे हैं। हमले में बुरी तरह जख्मी राजकुमारी देवी देवी के बयान के आधार पर जगदीशपुर थाने में 12 जुलाई को धारा 147, 148, 149, 323, 307,354, 279,337,504 और 506 के तहत मुकदमा तो दर्ज कर दिया गया, मगर 8 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपियों में से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। पीड़ित पक्ष आरोप लगा रहा है कि हमलावरों की सत्ता में धमक के चलते उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

रविवार 18 जुलाई को भाकपा माले ने आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सीएम नीतीश कुमार का पुतला दहन भी किया। हायपोखर, आयर और उत्तरदाहा सहित शहर के वार्ड नम्बर 9 में यह पुतला दहन किया गया।

गौरतलब है कि भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दुल्हिनगंज गांव के महादलित टोले में 11 जुलाई की रात कुर्सी पर बैठने के विवाद को लेकर दो गुटों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दलित टोले के दो महिला समेत आधा से अधिक लोगों की लाठी-डंडों से जमकर पिटाई कर दी गई। बुरी तरह से घायल महादलित टोले के आधे दर्जन से भी ज्यादा लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल, आरा लाया गया। यह घटना 11 जुलाई के रात नौ बजे के आसपास की है। ताज्जुब की बात यह है कि इस मामले में महादलितों पर हमला करने के आरोपी मुखिया पक्ष की ओर से भी पीड़ितों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी थी। मुखिया पक्ष की ओर से दीपू कुमार सिंह द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में महादलित टोले के 16 लोगों को आरोपी बनाया गया।

वहीं पीड़ित पक्ष की तरफ से बुरी तरह से घायल राजकुमारी देवी के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में मुखिया नीरज सिंह और दीपू सिंह समेत सात को आरोपी बनाया गया है। पिटाई से महादलित टोला के कमलेश नट, उसकी पत्नी राज कुमारी देवी, बेटी प्रिया कुमारी, पुत्र धनोज कुमार एवं सरोज कुमार राम की पत्नी बेबी देवी, छोटन नट के पुत्र पिंटू को चोटें आई हैं।

बुरी तरह से जख्मी राजकुमारी देवी ने अपनी शिकायत में कहा कि 11 जुलाई की देर शाम जब उनके घर के बच्चे गांव में ही एक दरवाजे पर कुर्सी लगाकर बैठे थे, तभी उस रास्ते से गांव के मुखिया नीरज सिंह अपनी कार से आ रहे थे। जब उन्होंने दलित टोला के घर के बच्चों को कुर्सियों पर बैठा देखा तो जातिसूचक शब्द बोलकर उन्हें कुर्सी से उठने के लिए दबाव बनाया। फिर कार से कुर्सी में धक्का मार दिया गया, जिसको लेकर उनके बीच हल्की नोंकझोंक हुई। जनप्रतिनिधि ने अपनी गाड़ी साइड में करके महादलितों के घर पर जाकर गाली-गलौज की। जब महादलित टोले के लोगों ने इसका विरोध किया तो जनप्रतिनिधि ने अपने साथियों के साथ मिलकर दो महिलाओं समेत आधा लोगों की जमकर पिटाई कर दी।

Next Story