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Assam floods death toll : लगातार बारिश से असम में बाढ़ हुई विनाशकारी, अब तक 139 मौतें और 25 लाख लोगों का जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

Janjwar Desk
30 Jun 2022 8:00 AM GMT
Assam floods death toll : लगातार बारिश से असम में बाढ़ हुई विनाशकारी, अब तक 139 मौतें और 25 लाख लोगों का जीवन हुआ अस्त-व्यस्त
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Assam floods death toll : लगातार बारिश से असम में बाढ़ हुई विनाशकारी, अब तक 139 मौतें और 25 लाख लोगों का जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

Assam flood : बाढ़ के पानी से 155 सड़कें और पांच पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि सात तटबंध टूट गए हैं। बाढ़ से कुल 64 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 5,693 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 85,673.62 हेक्टेयर से अधिक भूमि अभी भी जलमग्न है, जबकि 4,304 जानवर बह गए हैं....

Assam flood : जनज्वार ब्यूरो, गुवाहाटी। असम में बाढ़ की स्थिति 29 जून को लगातार बारिश के बाद और खराब हो गई। बाढ़ में पांच और लोगों की जान चली गई और प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 24.92 लाख हो गई, जबकि कछार जिले के सिलचर शहर में पिछले 10 दिनों से बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। राज्य में अब तक लगभग 139 लोगों की मौत बाढ़ के चलते हो चुकी है।

मौसम विभाग ने कोकराझार, चिरांग और बक्सा जिलों में 'रेड अलर्ट' और धुबरी, बारपेटा, बोंगाईगांव, उदालगुरी, विश्वनाथ, लखीमपुर, धेमाजी और डिब्रूगढ़ में 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। मौसम कार्यालय ने दक्षिण सालमारा, कोकराझार, चिरांग और बक्सा जिलों में 30 जून तक के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है।

ब्रह्मपुत्र, बेकी, कोपिली, बराक और कुशियारा नदियाँ कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं, हालांकि शेष अधिकांश नदियाँ घटती प्रवृत्ति दिखा रही थीं। सिलचर के अधिकांश इलाके अभी भी पानी से भरे हुए हैं और स्थिति गंभीर बनी हुई है, क्योंकि निवासियों को भोजन, पीने के पानी और दवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

बेथकुंडी में बांध टूटने से शहर पिछले 10 दिनों से जलमग्न है। उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि इसकी मरम्मत का काम चल रहा है। प्रभावित लोगों तक स्वच्छ पेयजल और भोजन पहुंचाने को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल जनित रोगों की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, असम की एक टीम इसके मिशन निदेशक एम एस लक्ष्मी प्रिया के नेतृत्व में प्रभावित लोगों को उचित चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए सिलचर में डेरा डाले हुए है। शहर के 28 नगर निगम वार्डों में चिकित्सा कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि विभिन्न राहत केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां डायरिया की रोकथाम के लिए लोगों को ओआरएस के पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं।

जल्ली ने कहा कि प्रभावित लोगों के बीच पानी के पाउच और पानी को साफ करने वाली गोलियां बांटी जा रही हैं, जबकि कुछ शिविरों में अस्थायी शौचालय बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए बाजारों का निरीक्षण कर रहे हैं कि दुकानदार ग्राहकों से अत्यधिक दर नहीं वसूलें।

उन्होंने कहा कि विनाशकारी बाढ़ से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के माध्यम से मदद करने के इच्छुक संगठनों के लिए एक ऑनलाइन फॉर्म जारी किया गया है। राज्य भर में 72 राजस्व मंडलों के तहत कुल 2,389 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि 1,76,201 लोगों ने 555 राहत शिविरों में शरण ली है।

बाढ़ के पानी से 155 सड़कें और पांच पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि सात तटबंध टूट गए हैं। बाढ़ से कुल 64 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 5,693 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 85,673.62 हेक्टेयर से अधिक भूमि अभी भी जलमग्न है, जबकि 4,304 जानवर बह गए हैं।

बुलेटिन में कहा गया है कि चिरांग, डिब्रूगढ़, हैलाकांडी, कोकराझार, मोरीगांव, नलबाड़ी, सोनितपुर, तामुलपुर और उदलगुरी जिलों से बड़े पैमाने पर कटाव की सूचना मिली है। असम के बराक वैली में स्थित कैंसर अस्पताल पानी से पूरी तरह डूब गया है। ऐसे में कैंसर मरीजों को इलाज में काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है।

असम में आए बाढ़ से अभी तक 22 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं। साथ ही करीब 139 जानें जा चुकी है। ऐसे में कैंसर अस्पताल में पानी भर जाने से मरीजों की जान को खतरा हो गया है। लेकिन डॉक्टर्स ने मरीजों की जान बचाने के लिए सड़क पर ही उनका इलाज शुरू कर दिया है। असम का कछार कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर बाढ़ में पूरी तरह डूब चुका है। उन्होंने ट्विटर पर मदद की अपील के साथ एक पोस्ट भी किया, जो वायरल हो रहा है।

इस अस्पताल में अब तक की सबसे बुरी स्थिति देखने को मिल रही है। स्थिति ऐसी हो चुकी है कि अस्पताल प्रशासन ने लाइफ जैकेट और राफ्ट की रिक्वेस्ट डाली है। इसके अलावा मरीजों को ज्यादा असुविधा ना हो, इसके लिए भी फैसिलिटी मांगी है। अस्पताल की स्थिति ऐसी हो गई है कि मरीजों को सड़क पर जहां जमीन सूखी हुई है, वहां कुर्सी पर बिठकार कीमो चढ़ाया जा रहा है।

अस्पताल की एक डॉक्टर ने बताया कि ये अब तक की सबसे बुरी स्थिति है, जिसका सामना उन्हें करना पड़ रहा है। जिन्हें तत्काल सर्जरी की जरुरत है, उनका ऑपरेशन किया जा रहा है।लेकिन अस्पताल के पास अब एनेस्थीसिया की कमी हो गई है। इस वजह से सर्जरी में भी दिक्कत आ रही है।

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