मुस्लिम बहुल आबादी वाले केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में बीफ पर प्रतिबंध, देश भर में हो रहा विरोध
लक्षद्वीप में बीफ पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर चुकी केंद्र सरकार
जनज्वार ब्यूरो, दिल्ली। कोरोना काल में भी भाजपा अपनी सांप्रदायिक राजनीति से बाज नही आ रही है। नाजुक समय में भी देश के मुस्लिम समुदाय पर प्रतिबंध लगाकर जनता को बाटने की कोशिश की जा रही है। इस बार सरकार ने लक्षद्वीप को निशाना बनाया है। लक्षद्वीप एक केंद्र शासित प्रदेश है। इसके प्रशासक प्रफुल्ल पटेल हैं। लक्षद्वीप में 5 महीने पहले प्रफुल्ल पटेल को प्रशासक नियुक्त किया गया था। वे गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। लक्षद्वीप प्रशासक ने सुधारों के नाम पर एक मसौदे को स्वीकृति दी है। जिसमें कई सारे विवादित निर्णय लिये गये हैं। प्रशासक के अनुसार वे इस मसौदे से केंद्र शासित प्रदेश का विकास करना चाहते हैं। इस मसौदे के अनुसार लक्षद्वीप में बीफ़ की खरीद और बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। जबकि लक्षद्वीप में 90 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी है।
इसके अलावा एक नये नियम के अनुसार जिन लोगों के दो से ज्यादा बच्चे हैं वे पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते। ऐसे उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराया जायेगा। आपको बता दें सम्पूर्ण भारत में सबसे कम जन्म दर लक्षद्वीप की है।
इसके अलावा प्रफुल्ल पटेल के सुधारों में गुंडा एक्ट में संशोधन भी शामिल है। लक्षद्वीप में अपराध की दर भी बहुत कम है। लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण में भी संशोधन की बात कही गई है। इसके तहत विकास योजनाओं के लिये भूमि अधिग्रहण किया जायेगा। केंद्र शासित प्रदेश के सांसद मोहम्मद फैजल का कहना कि इस संशोधन से प्राधिकरण, भूमि मालिकों के हितों को नजरअंदाज करते हुये भूमि अधिग्रहण करने में सक्षम होगा। प्रशासक यहां लोगों के व्यापारिक हितों को बढ़ा रहे हैं जबकि यहां सड़कों को हाईवे के मानकों के हिसाब से बनाने का कोई मतलब नहीं है। इस संशोधन के द्वारा लोगों की जमीन हड़पी जायेगी।
विकास के नाम पर लगाये जा रहे प्रतिबंधो का चौतरफा विरोध-
लक्षद्वीप के कुछ सांसदों ने प्रफुल्ल पटेल के फैसलों के खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन आदेशों का उद्देश्य लक्षद्वीप की संस्कृति को खत्म करना है। इनके द्वारा लक्षद्वीप को दूसरा कश्मीर बनाने की तैयारी की जा रही है।
सांसदों ने अपने पत्र में आश्चर्य व्यक्त करते हुए लिखा है- बड़े आश्चर्य की बात है कि मुस्लिम बहुल केंद्र शासित प्रदेश में शराब से प्रतिबंध हटा दिया गया और बीफ़ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है-
लक्षद्वीप से आ रही खबरें काफी गंभीर हैं। वहां के नागरिकों के जीवन, आजीविका और संस्कृति पर थोपी गई चुनौतियों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। केरल का लक्षद्वीप के साथ सहयोग का एक लंबा इतिहास है। दोनों के बीच मजबूत सम्बन्ध है। हम इसे विफल करने के कुटिल प्रयासों की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। ऐसा करने वालों को बाज आना चाहिए।
News reports from Lakshwadeep are quite serious. Challenges imposed on their lives, livelihoods and culture cannot be accepted. Kerala has a strong relationship, a long history of cooperation with LD. Unequivocally condemn devious efforts to thwart it. Perpetrators should desist.
— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) May 25, 2021