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Bharat Bandh Today : केंद्र की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 48 घंटे का भारत बंद जारी, जाधवपुर में रेल सेवा बाधित

Janjwar Desk
28 March 2022 4:56 AM GMT
मोदी की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 48 घंटे का भारत बंद जारी, जाधवपुर में रेल सेवा बाधित
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सोमवार सुबह से 48 घंटे का भारत बंद जारी। 

Bharat Bandh Today : वामपंथी पार्टियों के प्रभाव वाले पश्चिम बंगाल और केरल के कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक जाम कर दिया है। ट्रेड यूनियन केंद्र सरकार की कुछ नीतियों को तुरंत बदले जाने की मांग कर रहे हैं।

नई दिल्ली। मोदी सरकार ( Modi Government ) के जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ वाम मोर्चा द्वारा समर्थित 48 घंटे का भारत बंद ( Bharat band ) आज सुबह से जारी है। बंद का असर पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) और केरल ( Kerala ) में दिखा है। बंगाल के जाधवपुर ( Jadhavpur ) में प्रदर्शकारियों ने रेल सेवा ( Rail Services ) को बाधित कर दिया है। वहीं 24 परगना से भी जोरदार प्रदर्शन की सूचना है। केरल के तिरुवनंतपुरम से भी भारत बंद का असर है।

सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ( Trade Unions ) के संयुक्त मोर्चे की ओर से घोषित भारत बंद ( Bharat Band ) के समर्थन में संघ कार्यकर्ताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने सोमवार को बंगाल में कई स्थानों पर रेल पटरियों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया। हावड़ा में पुलिस ने सानपुर में आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया, जबकि अन्य ने डोमजूर में रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया। बंद का असर उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, मालदा और कोलकाता में भी देखा गया।

भारत बंद को लेकर माकपा सांसद ने राज्यसभा में निलंबन का नोटिस दिया था। भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत केंद्र सरकार की निगमीकरण और निजीकरण की नीतियों के विरोध में देश भर के श्रमिकों द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत निलंबन का नोटिस दिया था।

बंद पर ममता ने दिखाया असली रंग

वाम मोर्चे के नेताओं ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने केंद्र की नीतियों के खिलाफ सोमवार से दो दिवसीय बंद का विरोध कर अपना असली रंग दिखा रही हैं। सीटू के प्रदेश अध्यक्ष अनादी साहू ने कहा कि वामपंथी ट्रेड यूनियन, छात्र निकाय और समर्थक सड़कों पर भारत बंद कर जमकर समर्थन कर रहे हैं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने कर्मचारियों के लिए दो दिनों में काम करना अनिवार्य घोषित कर दिया है। बंगाल सरकार के आदेश से साफ है कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के बावजूद राष्ट्रव्यापी हड़ताल को ममता सरकार विफल करना चाहती है।

ये हैं ट्रेड यूनियनों की मांगे

वामपंथी पार्टियों ( Left Parties ) के प्रभाव वाले पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) और केरल ( Kerala ) के कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक जाम कर दिया है। ट्रेड यूनियन केंद्र सरकार ( Modi Government ) की कुछ नीतियों को तुरंत बदले जाने की मांग कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को खत्म करना, किसी भी तरह के प्राइवेटाइजेशन को तुरंत रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन यानी ( एनएमपी ) को खत्म करना, मनरेगा के तहत मजदूरी आवंटन के दिवसों को बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना इत्यादि शामिल है। बंद की वजह से बैंकिंग, परिवहन, रेलवे और बिजली से जुड़ी आवश्यक सेवाएं प्रभावित होने की सूचना है।

बता दें कि भारतीय मजदूर संघ भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय श्रमिक संगठन है। इसकी स्थापना भोपाल में महान विचारक दत्तोपंत ठेंगडी द्वारा प्रख्यात स्वतन्त्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के जन्म दिन 23 जुलाई, 1955 को हुई थी। बीएमएस का लगभग 1 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं। यह देश का पहला मजदूर संगठन है, जो किसी राजनैतिक दल की श्रमिक इकाई नहीं बल्कि मजदूरों का, मजदूरों के लिए, मजदूरों द्वारा संचालित अपने में स्वतन्त्र मजदूर संगठन है।

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