Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

भीमा कोरेगांव हिंसा मामला : NIA ने फादर स्टेन स्वामी को रांची से किया गिरफ्तार

Janjwar Desk
8 Oct 2020 4:25 PM GMT
भीमा कोरेगांव हिंसा मामला : NIA ने फादर स्टेन स्वामी को रांची से किया गिरफ्तार
x
फादर स्टेन स्वामी पर दो साल पहले महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने में संलिप्तता का आरोप है....

रांची। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि ने रांची के नामकुम स्थित बगीचा टोली से गुरुवार को फादर स्टेन स्वामी को हिरासत में किया है। फादर स्टेन स्वामी पर दो साल पहले महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने में संलिप्तता का आरोप है। इस मामले में एनआईए 6 अगस्त 2020 को भी फादर स्टेन स्वामी के आवास पर पहुंची थी और करीब ढाई घंटे तक उनके आवास में छानबीन व पूछताछ की थी।

ये वही फादर स्टेन स्वामी हैं, जिन पर दो साल पहले महाराष्ट्र के बहुचर्चित भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने में संलिप्तता का आरोप लगाया गया था। गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव मामले और प्रधानमंत्री मोदी के हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोपी बताते हुए एनआइए दो माह पहले छह अगस्त को भी फादर स्टेन स्वामी के घर पूछताछ के लिए पहुंची थी। तब न सिर्फ उनसे घंटों पूछताछ की गयी थी बल्कि उनके घर को भी एनआईए ने छान मारा था।

है कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच एनआइए से पहले महाराष्ट्र पुलिस कर रही थी। महाराष्ट्र पुलिस भी फादर स्टेन स्वामी से इस मामले में दो बार पूछताछ कर चुकी है। सबसे पहले 28 अगस्त 2018 को महाराष्ट्र पुलिस उनके घर पर पहुंचकर उनसे घंटों पूछताछ कर चुकी थी। न सिर्फ तब उनसे पूछताछ की गयी थी, बल्कि उनके घर से पुलिस ने लैपटॉप, पेन ड्राइव, सीडी, मोबाइल सहित कई दस्तावेज जब्त किए गए थे।

मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी पर आरोप है कि उन्होंने और उनके साथियों के भड़काऊ भाषण के बाद ही 2018 में भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी। एक जनवरी 2018 को पुणे के पास स्थित भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी। पुलिस का आरोप है कि इससे एक दिन पहले वहां यलगार परिषद के बैनर तले एक रैली हुई थी और इसी रैली में हिंसा भड़काने की भूमिका बनाई गई थी।

इतना ही नहीं इस संगठन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी लगा था। पुलिस ने इससे संबंधित साक्ष्य होने का दावा किया था और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। दावा किया गया था है कि यलगार परिषद की रैली को 300 से ज्यादा संगठनों ने समर्थन दिया था।

भीमा कोरेगांव मामले में पुलिस ने वकील, शिक्षक और मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, ख्यात कवि और बुद्धिजीवी वरवर राव, मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा, जिनेस आर्गनाइजेशन के वर्णन गोंजा​लविस और लेखक—सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा को छापेमारी के बाद पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा में संलिप्त बताते हुए गिरफ्तार किया था।

Next Story

विविध