Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक का 78 साल की उम्र में निधन, बाथरूम में फिसलने से हुई मौत

Janjwar Desk
14 March 2023 12:56 PM IST
वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक का 78 साल की उम्र में निधन, बाथरूम में फिसलने से हुई मौत
x
आज सुबह जब वह नहाने बाथरूम में गये थे तो वहीं गिरने से उनकी मौत हो गयी। काफी देर तक जब वह बाथरूम से बाहर नहीं निकले तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ा...

Senior Journalist Ved Pratap Vaidik no more : देश के जाने माने पत्रकार वेदप्रताप वैदिक का आज 14 मार्च को 78 साल की उम्र में अचानक निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक आज सुबह जब वह नहाने बाथरूम में गये थे तो वहीं गिरने से उनकी मौत हो गयी। काफी देर तक जब वह बाथरूम से बाहर नहीं निकले तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ा।

मीडिया में आयी जानकारी के मुताबिक आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे परिवार के लोगों ने बाथरूम का दरवाजा तोड़ा, तो वह बेहोश होकर गिरे थे। तुरंत उन्हें घर के पास स्थित प्रतीक्षा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनका निधन काफी देर पहले ही हो चुका है।

वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक ने पत्रकारिता के साथ साथ राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है। 30 दिसंबर 1944 को इंदौर में जनमे वेदप्रताप वैदिक अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार होने के साथ ही रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा के अच्छे ज्ञाता थे। दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी करने वाले वेदप्रताप वैदिक भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिन्दी में लिखा था। पीएचडी रिसर्च के दौरान उन्होंने न्यूयार्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।

गौरतलब है कि वेदप्रताप वैदिक 10 सालों तक पीटीआई-भाषा के संस्थापक-संपादक रहे। इससे पहले वे नवभारत टाइम्स के संपादक रह चुके थे। इतना ही पिछले लंबे समय से महत्वपूर्ण विषयों पर उनके लेख अलग-अलग समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं।

मीडिया और भाषा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करने के लिए डॉ. वेदप्रताप वैदिक कई सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं। उनको विश्व हिन्दी सम्मान (2003), महात्मा गांधी सम्मान (2008), दिनकर शिखर सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान, काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय सम्मान समेत और भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. वैदिक कई न्यासों, संस्थाओं और संगठनों में सक्रिय रहे और भारतीय भाषा सम्मेलन एव भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष रहे।

Next Story

विविध