Bihar News: 6 महीने तक गांव भर की महिलाओं के कपड़े धोओ, दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को इस शर्त के साथ मिली जमानत
(दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को जमानत इस शर्त पर मिली कि वह गांव की महिलाओं के कपड़े धोए और इस्त्री करे) प्रतीकात्मक तस्वीर
Bihar News: (जनज्वार)। बिहार के मधुबनी (Madhubani) में कोर्ट के एक फैसले की खूब चर्चा हो रही है। महिला से जबरदस्ती के प्रयास के मामले में कोर्ट ने एक युवक को ऐसी सजा सुनाई है, जो चर्चित हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, युवक को सजा मिली है कि अब उसे अगले छह माह (Six months) तक गांव की सभी महिलाओं के कपड़े मुफ्त में धोकर व इस्त्री कर देने पड़ेंगे। ऐसा नहीं करने पर उसकी जमानत रद कर दी जाएगी और उसे फिर से जेल जाना होगा।
युवक की जमानत अर्जी (Bail petition) पर सुनवाई के दौरान झंझारपुर के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने इसी शर्त पर युवक की जमानत अर्जी मंजूर की है। युवक दुष्कर्म के प्रयास मामले में बीते 19 अप्रैल से जेल में बंद था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मधुबनी जिले के लौकहा स्टेशन (Laukaha Station) के पास रहने वाली एक महिला ने मझौरा गांव निवासी 20 वर्षीय युवक ललन साफी पर घर में घुसकर उसके साथ जबरदस्ती करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी (FIR) दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित युवक को 19 अप्रैल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इधर, उसकी जमानत अर्जी जब एडीजे कोर्ट (ADJ Court) में पहुंची तो दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद युवक की उम्र और पूर्व के पूर्व में कोई आपराधिक इतिहास (Criminal background) न होने को देखते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि आरोपित को इसी शर्त पर जमानत मिलेगी कि वह अगले 6 महीने तक गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धुले। इससे उसके मन में महिलाओं के प्रति सम्मान पनपेगा।
आरोपित महिलाओं (Women) के कपड़े धोने के बाद उसे प्रेस करे और घर-घर जाकर पहुंचाए। एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) ने 20 साल के आरोपित ललन कुमार को फटकार लगाते हुए यह सजा सुनाई है। कोर्ट में आरोपी ने बताया था कि वह धोबी का काम करता है, जिसके बाद कोर्ट ने उसे महिलाओं के कपड़े धोने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता (Advocate) ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनका मुवक्किल केवल बीस साल का है। इस मामले में पुलिस (Police) की जांच पूरी हो चुकी है। चार्जशीट जमा किया जा चुका है। साथ ही दोनों पक्षों के बीच समझौते की याचिका भी लगाई गई है। बहस में आरोपी के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल धोबी है और अपने पेशे के माध्यम से समाज की सेवा करता है।
जमानत के लिए एडीजे कोर्ट ने 10-10 हजार के दो मुचलकों के साथ ही वादिनी सहित पूरे गांव की महिलाओं के छह माह तक मुफ्त कपड़े साफ कर उनपर इस्त्री कर देने की शर्त रखी है। कहा गया कि कोर्ट के आदेश की जानकारी स्थानीय मुखिया एवं सरपंच को भी दी जाएगी।
ऐसा इसलिए, ताकि जमानत की शर्त का आरोपित ठीक से पालन कर रहा है या नहीं, इसकी जानकारी कोर्ट को मिल सके। छह महीने के बाद उसे मुखिया,सरपंच या किसी सरकारी अधिकारी से शर्त पालन करने का प्रमाण पत्र भी कोर्ट में सौंपने का आदेश दिया गया है।
बता दें कि झंझारपुर एडीजे अविनाश कुमार प्रथम लगातार अपने अनोखे फैसलों के कारण चर्चा में बने हुए हैं। उन्होंने एक युवक को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह बाढ़ पीड़ितों को मुफ्त में दाल बांटेगा। उसी तरह एक को मंदिर में बनने वाले मंदिर में श्रमदान करने की शर्त पर जमानत दी थी।