Bihar Shelter Home Kand Part 2: गायघाट शेल्टर होम काण्ड मामले में महिला संगठनों ने न्यायिक जांच की मांग की, जानिए क्या कहा?
(महिला रिमांड होम पर अव्यवस्थाओं का आरोप लगाने वाली युवती)
Bihar Shelter Home Kand Part 2: महिला संगठनों ने आज एक संयुक्त बयान जारी कर गायघाट रिमांड होम के संदर्भ में वायरल वीडियो के मामले में चिंता व्यक्त की है. ऐपवा, बिहार महिला समाज, जनवादी महिला समिति, लोकतांत्रिक जन पहल, नारी गुंजन, डब्लू एस एफ,एम एस एस, आदि कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज संयुक्त बयान जारी किया है.
महिला संगठनों ने कहा कि आरोप लगाने वाली महिला गायघाट रिमांड होम में रह चुकी है इसलिए उसकी बातों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. संगठनों ने मांग की है कि इस मामले की हाई कोर्ट के न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराई जाए. महिला संगठनों ने कहा है कि सरकार इस बात की गारंटी करे कि आरोप लगाने वाली महिला भयमुक्त और सुरक्षित रहे और मीडिया से भी अपील की है कि आरोप लगाने वाली महिला की पहचान को बिना उसकी सहमति के सार्वजनिक न करें.
महिला संगठनों ने कहा है कि समाज कल्याण निदेशालय की तरफ से दिया गया जवाब बहुत ही सतही है. महिला द्वारा लगाए गए आरोप का जवाब देने के बदले उस महिला के चरित्र पर ही सवाल उठाया गया है जो बहुत ही शर्मनाक है. कानूनन महिला की पहचान को सार्वजनिक करना अपराध है और हैरानी की बात है कि समाज कल्याण विभाग यह कर रहा है. सरकार यदि तत्काल इस मामले पर गंभीरता से नहीं पेश आएगी तो महिला संगठन इस मुद्दे को आगे बढ़ाने को विवश होंगे क्योंकि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड को अभी भी बिहार की महिलाएं भूली नहीं हैं. इस संदर्भ में आगामी 3 फरवरी को महिला संगठनों की संयुक्त बैठक बुलाई गई है.
ये महिला संगठन संयुक्त में होंगे शामिल
- मीना तिवारी अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा)
- निवेदिता बिहार महिला समाज
- राम परी अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति
- कंचनबाला लोकतांत्रिक जन पहल
- सुधा वर्गीज नारी गुंजन
- चंद्रकांता
- आसमा खान ए डब्ल्यू एस एफ
- अनामिका एम एस एस
- कंचन विमुक्ता
- सिस्टर लीमा घरेलू कामगार यूनियन
- तबस्सुम अली मेक ए न्यू लाइफ फाउंडेशन