नई शिक्षा नीति के विरुद्ध AISF के कार्यकर्ता उपवास पर, कहा-अपनी विचारधारा थोप रही मोदी सरकार
प्रदर्शन करते एआईएसएफ के कार्यकर्ता
जनज्वार ब्यूरो, पटना। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के विरुद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया।कई स्थानों पर उपवास का कार्यक्रम भी चलाया गया। इसी क्रम में रविवार को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन सारण जिला इकाई के छात्रों ने संगठन के राज्यव्यापी आह्वान पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शहर के नगरपालिका चौक पर कड़ी धूप में एक दिवसीय उपवास किया।
उपवास पर बैठे AISF के राज्य उपाध्यक्ष राहुल कुमार यादव ने आरोप लगाते हुए कहा 'वैश्विक महामारी कोरोना, भयंकर बाढ़ व सरकार सरकार की जनविरोधी नीतियों ने आम से खास तक को बदहाली की जिंदगी जीने पर विवश कर दिया है। इस महामारी में शिक्षा से बेदखल करने के लिए एवं अपनी विचारधारा जबरन थोपने के लिए केंद्र की मोदी सरकार नई शिक्षा नीति 2020 लाई है, जिसे किसी भी सूरत में एआईएसएफ स्वीकार नहीं करेगा।'
अभिषेक सौरभ ने कहा 'राज्य सरकार सभी छात्राओं एवं अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों की पीजी तक निःशुल्क शिक्षा देने की बात तो करती है, लेकिन यह जमीनी तौर पर लागू नहीं हो पा रही है।
अविनाश उपाध्याय ने कहा 'इंटर नामांकन एवं परीक्षा फॉर्म भरने में एससी-एसटी छात्रों, अन्य छात्र-छात्राओं से मनमानी शुल्क वसूली पर जल्द रोक नहीं लगाई गई तो संगठन उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा।
वहीं राज्य-पार्षद अमित नयन ने कहा 'इस सांकेतिक भूख हड़ताल के माध्यम से संगठन सरकार से मांग करता हैं कि इंटरमीडिएट नामांकन में छात्रों से अवैध वसूली पर जल्द रोक लगाई जाए और कॉलेजों द्वारा अवैध वसूली किए गए रुपए की जल्द वापसी कराई जाए। 6 माह की स्कूलों की फीस, रूम रेंट ,बिजली बिल, माफ किया जाए, जेईई, मेन्स, नीट, नेट सहित सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं तत्काल स्थगित किया जाए। रेलवे, शैक्षणिक, स्वास्थ्य संस्थानों सहित रोजगारपरक साधनों का निजीकरण बंद किया जाए और रोजगार सृजन की दिशा में ठोस कदम उठाई जाए।'
इस एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम में मुख्य रूप से मनोहर राम, प्रांजल कुमार, अभय चौबे, नवजीवन कुशवाहा, कृष्ण कुमार राम, आलोक कुमार, बिट्टू कुमार, सौरभ ओझा, गुड्डू यादव, विकास कुमार आदि शामिल थे।