कोरोना लॉकडाउन के कारण कर्ज में डूबे बैंड-बाजे वाले सरकार के नए फरमान के खिलाफ पटना में सड़क पर उतरे
प्रतीकात्मक तस्वीर
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में खूब धूमधाम से चुनाव प्रचार और मतदान हुआ। बड़े-बड़े नेताओं की बड़ी-बड़ी चुनावी सभाएं हुईं, पर चुनाव खत्म होने और शादियों का लग्न शुरू होते ही सरकार ने नई कोरोना गाइडलाइन लागू कर दी। इसमें शादियों में बजने वाले बैंड-बाजों को लेकर भी कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इस कारण बैंड-बाजे वालों की बुकिंग रदद् हो रही है और उनकी रोजी-रोटी ठप्प हो रही है। इसे लेकर बैंड-बाजे वाले पटना में सड़क पर उतर गए हैं।
उल्लेखनीय है कि इस बार शादियों का मुहूर्त लगभग 15 दिनों का ही है। बताया जा रहा है कि इसके बाद काफी दिनों तक शुभ मुहूर्त नहीं है। कोरोना के लंबे लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में शादियां टल गई थीं, जो अब होने जा रही हैं। बैंड-बाजे वालों की रोजी-रोटी का आधार ऐसे ही सार्वजनिक आयोजन होते हैं।
ऐसे में 15 दिनों की इस कमाई पर भी रोक लग जाने के कारण बैंड बाजे वाले आक्रोशित हो गए हैं। क्योंकि सरकार के इस फैसले का बड़ा असर बैंड बाजा वालों के ऊपर पड़ा है। सरकारी फरमान से आक्रोशित बैंड बाजा वाले शनिवार को पटना में सड़क पर उतर आए।
पटना सिटी के सुलतानगंज में बड़ी संख्या में बैंड बाजे वाले रहते हैं। यहां राज्य के दूसरे हिस्सों के लोग भी आकर बैंड बाजा बुक करते हैं। सुल्तानगंज के बैंड-बाजे वालों ने शनिवार को अपने बैंड और बाजा के साथ अशोक राजपथ पर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया।
बिहार बैंड वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले यह प्रदर्शन किया गया। एसोशिएसन के लोगों ने कहा कि पिछले 9 महीने से बैंड बाजा और लाइट वालों का धंधा पूरी तरह से चौपट हो चुका है। रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसी प्रकार की कोई मदद नहीं की। इस कारोबार से जुडे़ लाखों लोगों के सामने भुखमरी आ गई है। काफी सारे लोग कर्ज में डूब चुके हैं। ऐसे में सरकार को अपने फैसले में बदलाव करना चाहिए, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैंड बाजा बजाने की अनुमति देनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को बिहार सरकार ने कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने गाइडलाइन की जानकारी देते हुए बताया था कि शादियों में सड़कों पर बैंड-बाजा, डीजे और डांस पर रोक लगा दी गई है।
साथ ही सड़कों पर बारात का जुलूस निकालने पर भी रोक लगाते हुए शादियों में कैटरिंग स्टाफ सहित अधिकतम 100 लोगों के शामिल होने और श्राद्ध कर्म में अधिकतम 25 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई है।