कृषि कानून के विरुद्ध धरना को लेकर केस दर्ज, तेजस्वी की चुनौती- दम है तो गिरफ्तार करो
जनज्वार ब्यूरो, पटना। केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में आंदोलन के लिए दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए उनपर पानी की बौछार की गई और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। किसानों के समर्थन में 5 दिसंबर को पटना में गांधी मैदान के बाहर महागठबंधन की ओर से धरना का आयोजन किया गया।
अब धरना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के कई बड़े नेताओं के विरुद्ध पटना में केस दर्ज किया गया है। इसे लेकर तेजस्वी यादव ने सरकार को चुनौती देते हुए हमला बोला है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि बिहार सरकार ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के जुर्म में हम पर FIR दर्ज की है। दम है तो गिरफ़्तार करो,अगर नहीं करोगे तो इंतज़ार बाद स्वयं गिरफ़्तारी दूँगा। किसानों के लिए FIR क्या अगर फाँसी भी मंजूर है।
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्हें न सिर्फ बंधक मुख्यमंत्री बताया है, बल्कि उनके विरुद्ध कायर और डरपोक जैसे शब्दों का भी प्रयोग किया है।
पटना में यह एफआईआर किसान बिल के खिलाफ बिना अनुमति गांधी मैदान के अंदर घुसकर भीड़ को संबोधित करने और कोविड नियम तोड़ने के आरोप में दर्ज किया गया है। यह एफआईआर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और महामारी अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, वामदल के रामनरेश पाण्डेय, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी समेत 18 प्रमुख नेताओं के ऊपर यह केस दर्ज किया गया है। गांधी मैदान में मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्त श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजीव दत्त वर्मा द्वारा थाने में एफआईआर कराई गई है।
एफआईआर में इन लोगों के अतिरिक्त विधायक आलोक मेहता, रामानंद यादव, पूर्व मंत्री श्याम रजक, रमई राम, पूर्व विधायक शक्ति सिंह, अनिल कुमार, रामबली यादव, सुबोध कुमार यादव, उमिर्ला ठाकुर, अनिता देवी, अनिल शर्मा, केडी यादव, चंदेश्वर सिंह आदि के नाम शामिल हैं।
इनके अलावा लगभग 500 अज्ञात लोगों के विरुद्ध भी एफआईआर की गई है। बताया जा रहा है कि IPC की धारा 188, 145, 269, 279 और 3 एपेडेमिक डिजीज एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।