बाढ़ के महीनों बाद भी क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत नहीं, किनारे लटके हैं बिजली के खंभे और तार
बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़क और उसके किनारे लटका बिजली का पोल और तार। छाया: जनज्वार।
जनज्वार ब्यूरो, पटना। राज्य से बाढ़ की विभीषिका तो गुजर गई, पर उसकी तबाही के निशान आज भी मौजूद हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों की सड़कें अब भी क्षतिग्रस्त हैं तो कई जगहों पर तार-पोल आदि के क्षतिग्रस्त होने के कारण विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से चालू नहीं हो सकी है।
सरकार चाहे लाख दावे करे, पर बिहार में बाढ़ की विभीषिका के चार महीने से ज्यादा समय गुजर जाने के बावजूद लोग अब भी परेशान हैं। परेशानी का मुख्य कारण यह है कि बाढ़ में जगह जगह सड़क और पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुए, पर उनकी मरम्मती अबतक नहीं हो पाई है। इस कारण लोगों को आवागमन में परेशानी तो हो ही रही है, विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो रही है। चूंकि सड़क किनारे ही बिजली के खंभे गड़े थे और सड़क के क्षतिग्रस्त होने के कारण वे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
सारण जिला के मशरक प्रखंड क्षेत्र स्थित अरना गांव के बड़वाघाट बाजार से बलुआ होकर डुमरसन बाजार जाने वाली ग्रामीण सड़क भी चार महीने पहले आयी बाढ़ की विभीषिका से टूट गई थी। यह सड़क आज भी वैसी ही टूटी पड़ी हुई है। बिजली की आपूर्ति के लिए सड़क किनारे गाड़ी गई पोल और तार भी क्षतिग्रस्त हैं।
ये पोल और तार 11000 वोल्ट की विद्युत सप्लाई के लिए गाड़े गए थे।पोल सड़क के उसी गड्ढे में झुक गया है। यह किसी बड़े हादसे की वजह बन सकता है। स्थानीय गांव वालों ने बताया कि सड़क बाढ़ में बह गयी। सड़क के बीचों-बीच स्थित पुलिया भी बाढ़ के कारण ध्वस्त हो गई। इस पर अबतक किसी भी जनप्रतिनिधि ने मरम्मत के लिए पहल नहीं की है। यह सड़क जो गांव से चंवर की तरफ जाने का मुख्य रास्ता है, जो बाढ़ के कारण ध्वस्त हो गया है।
उसी सड़क के किनारे अगल बगल के गांवों को बिजली आपूर्ति के लिए 11000 क्षमता के पोल भी लगाएं गये हैं, जिससे आधा दर्जन से ज्यादा गांवों को बिजली आपूर्ति की जाती है। सड़क के क्षतिग्रस्त होने के कारण पोल भी गड्ढे में झुक कर बड़ी घटना को दावत दे रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की मरम्मत को लेकर स्थानीय मुखिया से शिकायत की गई, पर उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। चुनाव में तो जो भी जनप्रतिनिधि वोट मांगने आया, उसने आश्वासन दिया कि सड़क का जल्द ही निर्माण कर दिया जाएगा, पर अभी तक सब कुछ वैसे ही पड़ा हुआ है।
यह सड़क अरना से बड़वाघाट बाजार को बलुआ गांव होते हुए डुमरसन को जोड़ता है। इस कारण यह एक मुख्य ग्रामीण सड़क है। गांव वालों ने जिलाधिकारी सारण और बिहार सरकार से गुहार लगाई है कि सड़क की मरम्मत अविलंब करा कर इसे चलने लायक बनाया जाए।