पानी के तेज धार में बह गई सड़क, कई गांवों का संपर्क हुआ भंग
बाढ़ में ध्वस्त हुई सड़क और वहां खड़े लोग
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में बाढ़ का कहर अब भी बरकरार है। राज्य के 16 जिलों के 130 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं। इन प्रखंडों के 1330 पंचायतों की 83 लाख से ज्यादा की आबादी अभी भी बाढ़ का दंश झेल रही है।
कहीं सड़क ध्वस्त हो रहे हैं तो कहीं पुल-पुलिया और बांध।सारण जिला के मदारपुर व कोरेयां समेत कई पंचायतों को जोड़ने वाली हकमा-गोसी छपरा ग्रामीण पीसीसी सड़क बाढ़ के पानी की तेज धार में बह गई। करीब 15 फीट की दूरी में पीसीसी सड़क के बहने से इस सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है।
मदारपुर व कोरेयां पंचायत में पिछले 25 दिनों से बाढ़ का तांडव जारी है। बाढ़ का पानी इन पंचायतों के गांवों में पूरी तरह से फैल जाने के कारण कई मुख्य व ग्रामीण सड़कों पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाने की स्थिति में हकमा-गोसी छपरा पीसीसी सड़क ही बाढ़ पीड़ितों के आवागमन का एक मात्र साधन था, वह भी धराशायी हो गया।
शत्रुघ्न तिवारी ने कहा 'इस मार्ग पर सड़क के ऊपर से करीब दो फीट पानी का बहाव पहले से था, इसके बाद भी लोग आवागमन कर बाजारों से सामानों की खरीददारी करते हुए इस रास्ते से गुजरते थे।'
गोसी छपरा के सरोज तिवारी, कामेश्वर तिवारी, धर्मन्द्र साह,पियारचन्द महतो, वैद्यनाथ तिवारी उर्फ मुखिया जी, सुुशील तिवारी, रणधीर तिवारी, मो.सकूर, मृत्युंजय तिवारी, अलख ठाकुर आदि ने बताया कि गोसी छपरा गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी में घिरा हुआ है।
विलास साह ने कहा 'आवागमन के दृष्टिकोण से हकमा-गोसी छपरा पीसीसी सड़क ही एक मात्र साधन था वह भी बाढ़ के पानी में बह गया।'
ग्रामीण मोहम्मद शकूर ने बताया 'पांच साल पहले यह पीसीसी सड़क का निर्माण हुआ था जो बाढ़ के पानी की भेट चढ़ गया। अब इस गांव का संपर्क गड़खा,अमनौर प्रखण्ड के अलावे मढ़ौरा अनुमंडल मुख्यालय से पूरी तरह से टूट चुका है।'
बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन से ध्वस्त सड़क के निर्माण की मांग की है ताकि आवागमन शुरू हो सके।वहीं जिला व प्रखण्ड प्रशासन की ओर से अब तक नाव नहीं उपलब्ध कराये जाने से मदारपुर पंचाचत के बाढ़ पीड़ितों में काफी आक्रोश व्याप्त है।