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बिहार

कैंसर मरीजों के लिए काम कर रहे NPCDCS के 500 चिकित्सा कर्मियों को हटाने की तैयारी, कहा- मोदीजी नहीं सुन रहे गुहार

Janjwar Desk
27 Sep 2020 4:32 PM GMT
कैंसर मरीजों के लिए काम कर रहे NPCDCS के 500 चिकित्सा कर्मियों को हटाने की तैयारी, कहा- मोदीजी नहीं सुन रहे गुहार
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प्रदर्शन करते NPCDCS के चिकित्सा कर्मी (File photo)

ये चिकित्सा कर्मी लगातार केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि परियोजना को बंद कर इन्हें बेरोजगारी की ओर न धकेला जाय, इन लोगों का कहना है कि हर जगह गुहार लगा चुके हैं, पर कहीं भी अबतक सुनवाई नहीं हुई है...

जनज्वारकेंद्रीय आयुष मंत्रालय के NPCDCS योजना के अंतर्गत 2015 से कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत चिकित्सा कर्मियों को अब नौकरी जाने का भय सता रहा है। चूंकि अब यह परियोजना ही बंद की जा रही है। इस परियोजना के तहत कैंसर, डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसे रोगों के लिए आयुर्वेदिक उपचार को लेकर काम किया जाता था।

देश के कुछ चुनिंदा जिलों में यह परियोजना चलाई जा रही थी। ऐसे में ये चिकित्सा कर्मी लगातार केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि परियोजना को बंद कर इन्हें बेरोजगारी की ओर न धकेला जाय। इन लोगों का कहना है कि हर जगह गुहार लगा चुके हैं, पर कहीं भी अबतक सुनवाई नहीं हुई है।

एक तरफ तो कोरोना काल में चिकित्सा कर्मियों को 'कोरोना वारियर्स' कहकर सम्मानित किया जा रहा है, वहीं इन चिकित्सा कर्मियों की नौकरी छीनी जा रही है। बिहार के गया ज़िले के 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऐसे 162 चिकित्सा कर्मी कार्यरत हैं। आयुष मंत्रालय के अंतर्गत 2015 से अनुबंध पर कार्यरत इन कर्मियों का 31अक्टूबर को अनुबंध खत्म हो जाएगा।

इनका कहना है कि इनके अनुबंध का छह-छह माह का एक्सटेंशन दिया जाता था। पिछले जुलाई माह में तीन माह का एक्सटेंशन दिया गया है और इसे आखिरी एक्सटेंशन कह दिया गया है। हम प्रधानमंत्री जी से भी सोशल मीडिया के माध्यम से निवेदन कर चुके हैं कि हमें बेरोजगार नहीं किया जाय।इसके वावजूद बिहार के गया एवं अन्य जिले में कार्यरत लगभग 500 ऐसे कर्मचारियों को आयुष मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा 31 अक्टूबर 2020 को नौकरी हटा दिया जाएगा।

सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर ये कर्मी लगातार अभियान चला रहे हैं कि यह परियोजना बंद नहीं किया जाय। इनका कहना है कि यह नारा जोरशोर से लगाया जाता है कि मोदी है तो मुमकिन है, पर अब यब नारा रिवर्स मोड में चला गया है। नौकरी से हटा कर इतने युवाओं को बेरोजगार करने वाले पर कैसे कर लें भरोसा?

इनका कहना है कि 1 साल से ये युवा मोदी जी से हर दिन प्रार्थना कर रहे हैं, फिर भी उनकी प्रार्थना अबतक नहीं सुनी गई। एनपीसीडीसीएस, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्यरत कर्मचारियों का संविदा बढ़ाने और नियमित करने के लिए प्रधाममंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन,आयुष मंत्री यशोपद नाईक, कार्मिक मंत्रालय के मंत्री जितेन्द्र सिंह,परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, रेलमंत्री पीयूष गोयल, लोकसभा अध्यक्ष ओम विरला, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, खाद्यमंत्री रामविलास पासवान,वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से निवेदन करने के बाद भी हमारी नौकरी सरकार द्वारा 31 अक्टूबर 2020 को खत्म कर दिया जा रहा है।

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