Begin typing your search above and press return to search.
बिहार

कार्ड दिव्यांग का राशन उठा रहा कोई और, भीख मांग कर पेट भर रहे मुन्ना कुमार

Janjwar Desk
22 Jun 2020 7:28 AM GMT
कार्ड दिव्यांग का राशन उठा रहा कोई और, भीख मांग कर पेट भर रहे मुन्ना कुमार
x
बिहार में राशन कार्ड में गड़बड़ी नई बात नहीं, पर इस बार जो मामला सामने आया है, वह इस तरह की सरकारी योजनाओं में बड़े फर्जीवाड़ा की ओर इशारा कर रहा है।

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इन जनहितकारी योजनाओं के वास्तविक लाभुकों की जगह अमीर और दबंग लोगों द्वारा लाभ उठा लिए जाने के किस्से गांव-गांव में कहे-सुने जाते हैं। राशनकार्ड को लेकर इधर कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं कि लोग इसमें बड़े स्तर पर जांच की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि अगर सही से जांच हो जाय, तो राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आ सकते हैं और वास्तविक लाभुकों के हक पर कुंडली मारने वाले पकड़े जा सकते हैं।

सारण जिले के मशरख प्रखंड के सेमरी पंचायत में शिवरी गांव है। इस ग्गांव में एक दिव्यांग मुन्ना कुमार रहते हैं। ये चलने-फिरने से भी लाचार हैं। हाथ से चलाए जाने वाले तिपहिया रिक्शा से थोड़ी दूर तक चल-फिर लेते हैं। कोरोना महामारी के दौरान ये आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट चुके हैं। जब भोजन की भी दिक्कत होने लगी तो इन्होंने सोचा कि एक राशन कार्ड होता तो सस्ता और मुफ्त अनाज की सरकारी योजना का लाभ इन्हें भी मिल जाता। इसी बीच नया राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन पत्र भरे जाने लगे। ये भी अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन देने पंचायत के मुखिया कुसुम देवी के पास पहुंच गए।

मुखिया जी ने इनकी समस्या सुनी और पूर्व में बन चुके राशनकार्ड की ऑनलाइन सूची में इनके नाम की जांच की। सभी भौंचक्क रह गए, जब पाया गया कि इनका नाम राशन कार्ड धारी की सूची में तो है ही, विगत फरवरी 2020 से इनके नाम पर राशन का उठाव भी किया जा रहा है। जबकि दिव्यांग मुन्ना कुमार को ना राशन मिल रहा है और ना ही राशन कार्ड मिला है।

पूरी तरह पड़ताल कर मुखिया द्वारा इसकी शिकायत मशरख प्रखंड के एमओ से की गई। एमओ को एक लिखित आवेदन भी दिया गया। पर नतीजा सिफर रहा। दिव्यांग मुन्ना कहते हैं कि एमओ द्वारा इस घटना में किसी प्रकार की जांच नहीं की गई। उन्होंने उस जन वितरण दुकानदार से भी बात की जिनके यहां उनके नाम पर बना कार्ड टैग है। मुन्ना का आरोप है कि वह कुछ सुनने को भी तैयार नहीं, उल्टे कहीं भी शिकायत करने को कह रहे हैं।

जनज्वार के साथ अपनी पीड़ा साझा करते हुए दिव्यांग मुन्ना कहते हैं कि वे चलने-फिरने से भी लाचार हैं। थोड़ी दूर आने-जाने में भी बहुत परेशानी होती है। उन्होंने राशनकार्ड के लिए आवेदन नहीं दिया। बिना आवेदन दिए मेरे नाम पर राशनकार्ड बनवा लिया गया। यही नहीं, राशन का उठाव भी किया जा रहा है। मैं शरीर से लाचार हूं, गरीब हूं। लॉकडाउन के कारण मुश्किल और बढ़ गयी है। मेरे पास न तो पैसा है, न अनाज। लोगों से दो-चार रोटी मांगकर किसी तरह जीवन रक्षा कर रहा हूं। प्रखंड के एमओ से शिकायत की। कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीडीएस डीलर सुन नहीं रहे।

शारीरिक लाचारी और आर्थिक तंगी के कारण जिला मुख्यालय जाकर जिलाधिकारी से शिकायत करना उनके लिए संभव नहीं हो रहा। ऐसे में समझ नहीं आ रहा क्या करें।

इस संबंध में बात करने के लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी के सरकारी मोबाइल नंबर 8544426134 पर दर्जनों बार संपर्क का प्रयास किया गया, पर लगातार उनका मोबाइल व्यस्त आ रहा था।

Next Story

विविध