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बिहार में जून में हुई ट्रांसफर-पोस्टिंग में खूब चली घूसखोरी, तेजस्वी यादव का आरोप

Janjwar Desk
4 July 2020 10:19 AM GMT
बिहार में जून में हुई ट्रांसफर-पोस्टिंग में खूब चली घूसखोरी, तेजस्वी यादव का आरोप
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए तबादलों पर मुख्य सचिव के स्तर से रोक लगा दी गई है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री खुद संचिका देखेंगे।

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में तबादलों की खबरें हमेशा सुर्खियां बनतीं हैं। इस बार कई विभागों में जून माह में हुए तबादलों को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी कूद पड़े हैं। उन्होंने तबादलों में बोली लगाए जाने का आरोप लगा दिया है।

3 जुलाई को किए गए अपने फेसबुक पोस्ट में इसे लेकर उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध दिया है। उन्होंने लिखा '15 वर्षों में श्री नीतीश कुमार जी और बीजेपी ने बिहार में एक सुई का भी कारख़ाना नहीं लगवाया। कोई इंडस्ट्री नहीं लगी।'

'लेकिन हां,तबादला उद्योग ज़रूर लगाया है। अभी जून महीने में सुशासन बाबू के आशीर्वचन और पावन सानिध्य में सबसे बड़ा तबादला घोटाला हुआ ताकि जनादेश अपमान की लाज रखी जा सके। ये पूछिए कि किस विभाग में घोटाला नहीं हुआ? बिहार कार्यपालिका नियमावली के नियमों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई गयी है।'

बताया जा रहा है कि एक विभाग में हुए तबादलों को मुख्य सचिव के स्तर से रद्द कर दिया गया है। राजस्व एवँ भूमि सुधार विभाग में 27 से 30 जून के बीच हुए 400 अधिकारियों के तबादलों पर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने रोक लगाते हुए कड़ा पत्र जारी किया है। उन्होंने पूरी फाइल तलब की है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री खुद फाइल देखेंगे। राजनैतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि उस विभाग में हुए तबादलों को मुख्य सचिव के स्तर से रद्द किए जाने के बाद आपसी कलह भी हो गई है। यह मामला काफी सुर्खियां बटोर रहा है।

फेसबुक पोस्ट में तेजस्वी यादव ने आगे लिखा है'इस सरकार में Capability, Compatibility और performance कोई मापदंड नहीं है। जो जितना चढ़ावा चढ़ाएगा उसे मनवांछित पोस्टिंग मिलेगी।'

'मैं बिहार के सभी योग्य और प्रतिभाशाली अधिकारियों से आग्रह करता हूँ कि इस भ्रष्ट सरकार की भ्रष्ट व्यवस्था का विरोध किजीए। अगर योग्यता की जगह चढ़ावा पैमाना होगा तो धरातल पर कोई सकारात्मक विकास कार्य नहीं होगा। रिश्वत देकर पोस्टिंग पाने वाला कर्मचारी 100 फ़ीसदी भ्रष्टाचार करेगा। इसमें सीधा नुक़सान योग्य एवं ईमानदार कर्मचारी और जनता का है।'

'जून महीने में राजस्व भूमि सुधार, परिवहन, पथ निर्माण, भवन निर्माण, ग्रामीण विकास कार्य विभाग इत्यादि विभागों में बोली लगी है। अगर मुख्यमंत्री जी और उपमुख्यमंत्री जी में तनिक भी नैतिकता बची है तो ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों का इस्तीफ़ा लीजिए। अन्यथा स्पष्ट है कि आप ऐसी भ्रष्ट परंपरा के संरक्षक है।'

जाहिर है कि तबादलों को लेकर अब विपक्षी दल भी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। इसे लेकर अन्य विपक्षी दल भी आगे आ सकते हैं। जाहिर है कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले विपक्षी दलों को एक मुद्दा हाथ लग गया है।

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