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विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए, तेजस्वी बोले - यहां भी वोट की हुई चोरी

Janjwar Desk
25 Nov 2020 8:25 AM GMT
विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए, तेजस्वी बोले - यहां भी   वोट की हुई चोरी
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वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार के साथ विजय कुमार सिन्हा (मास्क में)।

भाजपा के विजय कुमार सिन्हा का स्पीकर चुना जाना न सिर्फ राजद के लिए बल्कि नीतीश कुमार के लिए भी चुनौतीपूर्ण स्थिति है...

जनज्वार। भारतीय जनता पार्टी के विधायक विजय कुमार सिन्हा को बुधवार को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। विजय कुमार सिन्हा लखीसराय विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक चुने गए हैं। सिन्हा नीतीश कुमार की पिछली सरकार में श्रम संसाधन विभाग के मंत्री थे।

विजय सिन्हा के अध्यक्ष चुने जाने पर उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बधाई दी है। उन्होंने ट्विटर पर सिन्हा को बधाई देते हुए लिखा है कि लालू प्रसाद यादव की ृसाजिश को एनडीए ने नामाम कर दिया। सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर भाजपा व एनडीए विधायकों को स्पीकर चुनाव में एनडीए प्रत्याशी को हराने के लिए प्रलोभन देने का आरोप लगाया था। सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद यादव का पीपरैंती से भाजपा के विधायक ललन पासवान से बाचचीत का एक आडियो शेयर किया था जिसमें लालू उन्हें कोरोना का बहाना बना कर स्पीकर चुनाव से गैर हाजिर रहने को प्रेरित कर रहे हैं और बदले में महागठबंधन सरकार बनने पर उसमें मंत्री बनाने की बात कह रहे हैं।


विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में विजय कुमार सिन्हा का मुकाबला राजद के अवध बिहारी चौधरी से था। विपक्षी राजद व महागठबंधन ने इसको लेकर जमकर खेमेबंदी की थी और सभी गैर एनडीए विधायकों से अपील की थी कि वे अंतरात्मा की आवाज पर स्पीकर का चुनाव करें। राजद इस उम्मीद में था कि नाजुक बहुमत वाली सरकार होने की वजह से अगर स्पीकर का पद उसके हाथ में आ जाता है तो सत्ता परिवर्तन भी हो सकता है और भविष्य में उसकी सरकार बन सकती है।

मालूम हो बिहार में जदयू-भाजपा सरकार में पहली बार भाजपा बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। ऐसे में अबतक स्पीकर का पद जदयू के पास रहता रहा था, लेकिन इस बार वह भाजपा की झोली में चला गया। नीतीश कुमार के लिए भी स्पीकर का पद जदयू से भाजपा की झोली में जाना एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, क्योंकि गठबंधन सरकारें और पृथक दल के साथ गठजोड़ कर सरकार बनाये जाने की स्थिति में स्पीकर की भूमिका अहम होती है।

अपने पसंद के व्यक्ति को अबतक नीतीश कुमार स्पीकर बनवाते रहे हैं। इसी वजह से वे जीतन राम मांझी को आसानी से अपदस्थ कर 2015 में फिर से मुख्यमंत्री बन पाए थे और फिर 2017 में खुद ही जदयू--राजद-कांग्रेस रकार को गिरा कर जदयू-भाजपा सरकार सहज ढंग से बनवाने में कामयाब हुए थे।


उधर, महागठबंधन विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि विधानसभा चुनाव की तरह स्पीकर के चुनाव में भी जनादेश की चोरी की गई है। उन्होंने कहा है कि नियमावली के अनुसार, जो सदन के सदस्य नहीं हैं उन्हें स्पीकर चुनाव के सामय बाहर चले जाना चाहिए, लेकिन मुकेश सहनी और अशोक चौधरी इस दौरान मौजूद थे। मुख्यमंत्री खुद एमएलसी हैं। उन्होंने कहा कि कई फर्जी वोटर को फर्जी एमएलए बनाकर सीट पर बैठाया गया। उन्होंने कहा कि सदन नियम से चलेगा बईमानी से नहीं चलेगा। इसलिए हम इसका विरेाध कर रहे हैं।


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