Bihar Crime News: फर्जी IPS अधिकारी बनकर महिला के साथ बनाया यौन संबंध, नकली वर्दी और हथियार के साथ आरोपी गिरफ्तार
(बिहार में एक फर्जी IPS को गिरफ्तार किया गया है)
Bihar Crime News: (जनज्वार)। बिहार के समस्तीपुर (Samastipur) जिले में पुलिस ने एक फर्जी IPS अफसर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवक की पहचान राज्य के दरभंगा जिले के अविनाश कुमार मिश्रा के रूप में की गयी है। एक महिला के द्वारा शिकायत के बाद नकली IPS अधिकारी बनकर लोगों को ठगने वाले युवक को गिरफ्तार किया गया। महिला ने खुद को युवक की प्रेमिका बताते हुए मामले की जानकारी पुलिस को दी।
शिकायतकर्ता महिला के अनुसार युवक ने खुद को IPS ऑफिसर बताकर पहले तो प्रेमजाल (love affair) में फंसाया और फिर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध (Physical relationship) भी बनाए। लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी जब वह शादी से मुकरता रहा तो महिला ने युवक के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवायी।
शिकायत मिलने के बाद समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) मानवजीत सिंह ढिल्लों के निर्देश पर डीएसपी शहबान हबीब फाखरी के नेतृत्व में पुलिस की टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने छापेमारी कर नकली IPS ऑफिसर को धर दबोचा। सदर डीएसपी शहबान हबीब फाखरी ने बताया कि गिरफ्तार युवक के पास से आईपीएस की नकली वर्दी, एक विदेशी रिवॉल्वर, आधा दर्जन जिंदा कारतूस, लैपटॉप और मोबाइल बरामद किया गया है।
पहले भी फर्जी IPS मामले में हो चुका है गिरफ्तार
पुलिस ने गिरफ्तार युवक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी अविनाश इससे पहले भी नकली आईपीएस बनकर लोगों को बेवकूफ बनाता रहा है। पुलिस के अनुसार नकली आईपीएस बनने के मामले आरोपी अविनाश कुमार मिश्रा पहले भी दरभंगा में गिरफ्तार (arrested in Darbhanga) किया जा चुका है। आरोपी अविनाश के उपर दरभंगा के एपीएम थाने में फर्जी आईपीएस का मामला दर्ज है और उस मामले में वह जेल भी गया है।
खुद को बताता था 2014 बैच का अधिकारी
समस्तीपुर पुलिस (Samastipur Police) द्वारा पकड़ा गया फर्जी आईपीएस खुद को 2014 बैच का आईपीएस अधिकारी बताता था। युवक के प्रेमिका के अनुसार उसने अपना नाम अमन पराशर बताया था। सबके बीच वह इस तरह से पेश आता था कि जिससे लगता था की वह सच में आईपीएस ऑफिसर है।
लेकिन पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार युवक का असली नाम अविनाश कुमार मिश्रा है और वह दरभंगा जिले के अशोक पेपर मिल (Ashok Paper Mill) थाने के पतौर गांव का रहने वाला है। गिरफ्तार युवक ने दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों से भी पहचान बनाए रखा है। आरोपी युवक UPSC क्लियर कर अधिकारी बन चुके लोगों के संपर्क में रहता था ताकि उसपर किसी को शक न हो।
समस्तीपुर पुलिस के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद आरोपी कभी अपना नाम अमित झा तो कभी अमन पराशर बता रहा है। वह अपनी सही पहचान नहीं बता रहा है। पुलिस के मुताबिक आरोपी अविनाश पूर्व में आईपीएस परिक्षा की तैयारी कर रहा था। लेकिन जब वो इसमें सफल नहीं हो पाया तो उसने झूठे आईपीएस ऑफिसर बनने का सोचा।
इतना ही नहीं उसने अपने दोस्तों को भी झूठी जानकारी दी कि वो आईपीएस अफसर बन गया है। जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों पहले उसने दरभंगा के एक निजी स्कूल (Private School) को झांसा देकर बच्चों के लिए एक मोटिवेशनल लेक्चर प्रोग्राम रखवाया और खुद बतौर मुख्य अतिथि शामिल भी हुआ।
आपको बता दें कि इस तरह के फर्जी अफसर (Fake Officer) बनकर लोगों में झूठा रूतबा दिखाने का यह पहला मामला नहीं है। इसी साल जुलाई में रांची से भी एक फर्जी IAS अधिकारी की गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तार महिला खुद को IAS अधिकारी बताकर रांची में किराए के मकान में रहती थी। उसने खुद को अधिकारी बताने के लिए एक बॉडीगार्ड और ड्राइवर भी रखा था। पड़ोसियों को जब महिला पर शक हुआ तो पुलिस को सूचना दी गई। तब जाकर मामला सामने आया।
समाजिक दबाव के कारण होते हैं ऐसे अपराध
आमतौर पर ऐसे मामलों में देखा जाता है कि अपराध करने वाला युवक या युवती अच्छे परिवार से ताल्लूक रखते हैं औऱ पढ़े-लिखे भी होते हैं। लेकिन फिर भी परिवार द्वारा करियर को लेकर दबाव और समाजिक प्रेशर में आकर युवा झूठ-फरेब का रास्ता चुन लगते हैं।
युवाओं पर परिवार द्वारा सरकारी नौकरी में जाने का फैसला इस तरह थोप दिया जाता है कि वे बस किसी तरह इस सपने को पूरा करने की फिराक में जुट जाते है, फिर चाहे वह अपराध का रास्ता ही क्यों न हो। सरकारी नौकरी के इसी ठाठ-बाट के सपने का नतीजा होता है कि इस तरह के अपराध के मामले सामने आते हैं।