Brutal Beating of Women in China: महिलाओं पर हमले के बाद असभ्य करार दिया गया चीन का एक शहर
महेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट
Brutal Beating of Women in China: चीन के उत्तरी क्षेत्र के एक शहर, तुन्ग्शन (Tangshan), में 10 जून को एक रेस्टोरेंट में चार महिलाओं पर हमले के बाद अब इस शहर को सरकारी तौर पर असभ्य करार दिया गया है| यही नहीं वहां के स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर भी कठोर कार्यवाही की जा रही है| इस सिलसिले में अबतक 9 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और अब केन्द्रीय पुलिस यह जांच कर रही है कि इन 9 मुजरिमों से किस-किस स्थानीय अधिकारियों और पुलिस वालों से सम्बन्ध हैं, या जान-पहचान है| यदि किसी सरकारी अधिकारी या स्थानीय पुलिस के लोगों से किसी मुजरिम के सम्बन्ध पाए गए, तो फिर उन्हें भी सजा दी जा सकती है|
इस खबर का हमारे देश में कोई मतलब नहीं है – यहाँ महिलाओं पर हमले, यौन शोषण और बलात्कार-ह्त्या बहुत सामान्य है| इससे किसी शहर, किसी पुलिस वाले या स्थानीय प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता| अलबत्ता ऐसे शहरों वाले राज्यों को प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और दूसरे मंत्री के साथ मीडिया भी सबसे सुरक्षित राज्य करार देता है| हमारे देश में तो ऐसे मामलों पर खुले आम लीपापोती की जाती है, बलात्कार पीडिता की लाश पुलिस, परिवार वालों को घर में बंद कर घनी-काली रात में ही फूंक डालती है, निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को देशद्रोही बताकर जेल में बंद किया जाता है, मेनस्ट्रीम मीडिया इसपर पुलिस और प्रशासन की जयजयकार करता है, और फिर सारे मामलों पर पर्दा डालने वाले, असली मुजरिमों को बचाने वाले और पीडिता के परिवार वालों को मुजरिम करार देने वाले पुलिस वाले प्रमोशन और इनाम पाकर फिर से वैसी ही वारदातों के भागीदार बनते हैं| महिलाओं पर अत्याचार के बाद तो मीडिया और सत्ता दोनों एकजुट होकर महिला का ही चरित्र हनन जोर-शोर से करते हैं| सोशल मीडिया पर तो लगातार महिलाओं का उत्पीडन होता है, खुले आम बलात्कार की धमकियां मिलती हैं – पर किसी पर कोई भी कार्यवाही नहीं होती, और अगर कार्यवाही दिखावे के लिए होती भी है तो मुजरिम अगले दिन ही एक अदद जमानत पर बाहर आकर और भी बड़ी वारदात करता है|
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना का सिविलाइज़ेशन ऑफिस (Civilization Office of Communist Party of China) है, जो वर्ष 2005 से चीन के शहरों का विस्तृत आकलन कर उन्हें सभ्य शहर (Civilized City) का खिताब देता है| यह सरकारी तौर पर शहरों के लिए सबसे बड़ा सम्मान है, और चीन के लगभग 600 शहरों में से लगभग 300 ही इसके योग्य समझे गए हैं| शहरों का आकलन उनके सर्वांगीण विकास, क़ानून-व्यवस्था, पर्यावरण, लैंगिक समानता, सामाजिक सुरक्षा और बाहर से आये लोगों के लिए आकर्षण जैसे मुद्दों पर किया जाता है| इसका आकलन केन्द्रीय सरकार की एक समिति करती है| हरेक तीन वर्षों में यह आकलन किया जाता है, जिसमें नए शहर जुड़ते हैं और पुराने शहरों का फिर से आकलन किया जाता है| तुन्ग्शन शहर, जो 10 जून को 4 महिलाओं पर हमले के बाद से लगातार सुर्ख़ियों में है, पिछले 4 बार से लगातार सभ्य शहर का खिताब पाता रहा है| पिछली बार वर्ष 2020 के आकलन में भी इसे सभ्य शहर का खिताब दिया गया था, पर इस हमले के बाद सिविलाइज़ेशन ऑफिस की सेंट्रल कमेटी ने अब इस शहर से इस खिताब को छीन लिया है| इसके अनुसार कोई भी सभ्य शहर हरेक नागरिक को सुरक्षा प्रदान करता है पर इस शहर की समस्याओं को देखते हुए इसे सभ्य शहर कहने का कोई औचित्य नहीं है|
अब तक जांच से पता चला है कि एक रेस्टोरेंट में 4 महिलायें भोजन कर रही थीं, तभी एक व्यक्ति ने एक महिला के कंधे पर हाथ रखा| जब महिला ने व्यक्ति का हाथ झटक दिया तब वह व्यक्ति उस महिला को घसीटते हुए बाहर ले आया और उसपर हमला करने लगा| दूसरी महिलाओं को भी उसे बचाने के सिलसिले में गंभीर चोटें आईं| तुरंत सूचना देने के बाद भी पुलिस मौके पर आधे घंटे बाद पहुँची, तबतक सभी हमलावर भाग चुके थे| इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर 2 महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करवाया और शेष 2 महिलाओं को गंभीर चोटों के बाद भी रिपोर्ट में मामूली खरोच बताकर उन्हें घर भेज दिया|
इसके बाद से यह मामला पूरे देश में चर्चा का प्रमुख विषय बन गया, मीडिया और सोशल मीडिया पर इसकी लगातार चर्चाएँ होती रहीं| स्थानीय पुलिस ने इस शहर में पत्रकारों के आने पर पाबंदी लगा दी, पर यह मामला आग की तरह फैलता रहा| इसके बाद केंद्र सरकार ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर 5 स्थानीय पुलिस अधिकारियों को जांच के दायरे में लिया| स्थानीय पुलिस के प्रमुख पर क़ानून के उल्लंघन और अनुशासनहीनता का आरोप लगा है, जबकि उनके सहायक को सस्पेंड कर दिया गया है| शेष 3 पुलिस वालों पर काम में लापरवाही का आरोप तय किया गया है|
चीन की मानवाधिकार के मामलें में कितनी भी भर्त्सना करें, पर इतना तो तय है कि सामाजिक विकास और सामाजिक सुरक्षा के मामले में वह हमसे बहुत आगे है| चीन में सभ्य शहरों का जो पैमाना है, यदि हम उस पैमाने की ही बात करें तो निश्चित तौर पर हमारे सभी शहर, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, मीडिया, आईटी सेल से जुड़े करोड़ों लोग, अनेक प्रमुख राजनैतिक नेता असभ्य ही करार दिए जायेंगें| हमारे देश में तो मुजरिम या अपराधी होना ही सत्ता की पहली सीधी है और मुजरिम को संरक्षण देना सत्ता और पुलिस का कर्तव्य|