बजट से नाखुश किसान आज दिल्ली की सड़कों पर निकालेंगे मार्च, जानें क्यों?
SKM ने की यूपी और उत्तराखंड के लोगों से भाजपा को हराने की अपील।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) ने मंगलवार को चौथी बार देश का बजट 2022 ( Budget 2022 ) पेश किया, लेकिन किसानों के लिए कोई ठोस प्रस्ताव न होने और न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP Law ) पर कानून बनाने की दिशा में कोई खास प्रगति न होने से नाराज किसान आज रैली निकालेंगे। संसद में बजट पेश होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि एमएसपी गारंटी कानून बनाने की बाद ही किसानों को फायदा होगा। इसी मुद्दे पर किसान आज दिल्ली में रैली ( Delhi Rally ) निकालेंगे। बुधवार को किसान हरियाणा के कुंडली बॉर्डर से दिल्ली के जंतर-मंतर तक एमएसपी कानून के लिए पैदल मार्च ( Paidal March ) निकालेंगे।
मार्च से नहीं हुआ गन्ने का भुगतान
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) ने कहा कि गन्ना कानून में अगर 14 दिनों में भुगतान नहीं होता है तो ब्याज का प्रावधान है, लेकिन पैसा नहीं मिलता है। यूपी में भाजपा सरकार ( BJP Government ) की आलोचना करते हुए कहा कि वहां पर पांच साल से भाजपा की सरकार है, लेकिन मार्च से भुगतान नहीं किया गया है।
केंद्र पर लगाया विश्वासघात का आरोप
इससे पहले एमएसपी ( MSP ) को लेकर सरकार से नाराज भारतीय किसान यूनियन ने 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाया था। राकेश टिकैत ने सरकार पर भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार पर वादे के बावजूद एमएसपी पर कानून नहीं बनाने का आरोप लगाया है। राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी मांग है कि केंद्र सरकार अपना वादा निभाए और जल्द से जल्द एमएसपी के लिए कानून बनाए। किसान नेता ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे भी रदृद करने की मांग उठााई है। राकेश टिकैत का कहना है कि किसानों के साथ वादाखिलाफी कर किसानों के घाव पर नमक छिड़कने का काम किया गया है।
700 से ज्यादा किसानों की हुई थी मौत
Farmer Protest : बता दें कि पीएम मोदी ने गुरुनानक देव जी की 552वीं जयंती पर 19 नवंबर, 2021 को तीनों कृषि कानून रद्द करने का ऐलान किया था। शीतकालीन सत्र के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानून समाप्त करने वाले विधेयक 2021 को दोनों सदनों में पेश किया और उसे संसद ने रद्द कर दिया था। इसके बाद 9 दिसंबर, 2021 को किसानों ने एक साल से ज्यादा समय से चल रहे आंदोलन को वापस ले लिया गया था। सिंधु और टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन की शुरुआत 27 नवंबर, 2020 को हुई थी। किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 किसानों की अलग-अलग वजहों से मौत भी हुई।