Bulandshahr Violence के मुख्य आरोपी योगेश राज की जमानत सुप्रीम कोर्ट से खारिज, 7 दिन के भीतर सरेंडर करने के आदेश
(बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज की जमानत सुप्रीम कोर्ट से रद्द)
Bulandshahr Violence : बुलंदशहर के स्याना में साल 2018 में हुई हिंसा के मामले के मुख्य आरोपी योगेश राज की सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उसे सात दिन के भीतर कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया है। योगेश राज (Yogesh Raj) फिलहाल जमानत पर है। हिंसा में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट को दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला काफी गंभीर है जहां गोहत्या के बहाने एक पुलिस अधिकारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। कोर्ट ने कहा कि हम इन चीजों को जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते। हम इसके बारे में बहुत आश्वस्त हैं। कोर्ट ने गायों की रक्षा या गोहत्या रोकने के नाम पर मॉब लिंचिंग की अपनी अस्वीकृति को रेखांकित करते हुए कहा कि हम लिंचिंग की अनुमति बिल्कुल नहीं दे सकते।
कोर्ट ने कहा कि दोनो पक्षकारों के वकीलों की दलील से साफ है कि अभी आरोप तय नहीं किए गए हैं और मामला गंभीर है। गोहत्या के नाम पर बहाने से एक पुलिस अधिकारी को पीटकर मारा गया और जान से मार डाला गया है। पहली नजर में कानून अपने हाथ में लेने का केस दिखता है। इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगाई जाती है और निर्देश दिया जाता है कि आरोपी योगेश सरेंडर करे और इसके लिए सात दिनों का वक्त दिया जाता है।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम. सुंदरेश ने आदेश में कहा, मामला काफी गंभीर है, जहां गोहत्या के बहाने एक पुलिस अधिकारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। प्रथम दृष्टया यह उन लोगों का मामला है जो कानून अपने हाथों में ले रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हमारा विचार है कि योगेश राज को आज से सात दिनों की अवधि के भीतर सरेंडर करने के लिए कहा जाना चाहिए और इस प्रकार उस सीमा तक जमानत देने वाले आदेश पर रोक लगाई जाती है।
उल्लेखनीय है कि स्याना इलाके के चिंगरावटी में 3 दिसंबर 2018 को कथित गोकशी के मामले ने हिंसक रूप ले लिया था। इसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार (Inspector Subodh Kumar) की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस दौरान सुमित नाम के युवक की भी मौत हो गई थी। इस घटना में 34 नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने 44 लोगों को जेल भेजा था। अभी प्रशांत नट जिला कारागार में बंद है। इस मामले में योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया गया था।
नौ माह की जेल के बाद योगेश राज को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से जमानत मिल गई थी। शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पतनी ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के विरोध में याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया है।
जेल से छूटने के बाद योगेश राज राजनीति में आ गया था। इसके बाद बुलंदशहर के पांच नंबर वार्ड से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता। साथ योगेश राज ने भाजपा का दामन भी थाम लिया। इसके साथ ही सदस्यता ग्रहण करने की जानकारी फेसबुक पर भी शेयर की थी।