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CJI एनवी रमन्ना की चिंता- संसद में बिना गुणवत्तापूर्ण बहस के पास हो रहे कानून जिससे नए कानूनों के मंशा की थाह लगाना मुश्किल

Janjwar Desk
15 Aug 2021 3:29 PM GMT
CJI एनवी रमन्ना की चिंता- संसद में बिना गुणवत्तापूर्ण बहस के पास हो रहे कानून जिससे नए कानूनों के मंशा की थाह लगाना मुश्किल
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संसद में बिना गुणवत्तापूर्ण बहस के कानून पास होने को लेकर CJI ने जताई चिंता

चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा लगता है कि कानून बनाते समय संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस का अभाव है, जिसके कारण मुकदमेबाजी बढ़ रही हैं..

जनज्वार। देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने संसद में बिना गुणवत्तापूर्ण बहस के कानून पास होने को लेकर चिंता जताई है। चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा लगता है कि कानून बनाते समय संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस का अभाव है। जिसके कारण मुकदमेबाजी बढ़ रही है और अदालतें, गुणवत्तापूर्ण बहस के अभाव में, नए कानून के पीछे की मंशा और उद्देश्य की थाह लेने में असमर्थ हैं।

सीजेआई ने कहा कि ऐसे में जो कानून पास होते हैं उनके पीछे की मंशा का पता लगाना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि यदि आप उन दिनों सदनों में होने वाली बहसों को देखें, तो वे बहुत बुद्धिमानी भरे और रचनात्मक हुआ करते थे, साथ ही वे जो भी कानून बनाते थे उस पर बहस करते थे। लेकिन अब वह स्थिति नहीं रही। इसकी वजह से हम कानूनों में कई खामियां और अस्पष्टता देखते हैं।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कानूनों में कोई स्पष्टता नहीं है। हम नहीं जानते कि कानून किस उद्देश्य से बनाए गए हैं। यह सरकार के लिए बहुत सारे मुकदमेबाजी, असुविधा और नुकसान के साथ-साथ जनता को असुविधा पैदा कर रहा है। अगर सदनों में बुद्धिजीवी और वकील जैसे पेशेवर न हों तो ऐसा ही होता है।

चीफ जस्टिस ने कहा कि आजादी के बाद शुरुआती सालों में संसद में मौजूद सांसदों और स्वतंत्रता सेनानियों में से ज्यादातर वकील होते थे। इस वजह से भी संसद में अच्छी बहस होती थी। चीफ जस्टिस ने कहा कि उनका मानना है कि वकील बिरादरी को अब इसके लिए आगे आना चाहिए।

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