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'अब्बा जान' वाले बयान पर घिरे CM योगी, TMC सांसद ने बताया IPC की धारा 153A का खुला उल्लंघन

Janjwar Desk
13 Sept 2021 10:55 AM IST
अब्बा जान वाले बयान पर घिरे CM योगी, TMC सांसद ने बताया IPC की धारा 153A का खुला उल्लंघन
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(चुनावी साल आते ही योगी विवादों में घिरते जा रहे)

2017 से पहले किसी को राशन नहीं मिलता था। 'अब्बा जान' कहे जाने वाले लोग उसे हजम कर जाते थे। योगी ने कहा कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश जाता था। आज गरीबों का राशन निगलने वाले जेल जाएंगे...

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे यहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) विवादों से रिश्ता बनाते दिख रहे हैं। कल ही एक विज्ञापन को लेकर प्रदेश में खूब हो-हल्ला मचा। सोशल मीडिया पर योगी का झूठ खोलने वालों की बाढ़ आ गई। अब योगी पूर्व सीएम अखिलेश के पिता को अब्बा जान कहे जाने पर फिर चर्चा में हैं।

कुशीनगर पहुँचे सीएम योगी ने रविवार 12 सितंबर को कहा कि, 2017 से पहले किसी को राशन नहीं मिलता था। 'अब्बा जान' (Abba Jaan) कहे जाने वाले लोग उसे हजम कर जाते थे। योगी ने कहा कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश जाता था। आज गरीबों का राशन निगलने वाले जेल जाएंगे।

योगी के इस बयान पर तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने कहा है, 'जो लोग 'अब्बा जान' कहते थे, उन्होंने गरीबों के लिए राशन पचा लिया।" भारत में एक निर्वाचित मुख्यमंत्री खुले तौर पर सांप्रदायिक भड़काने का दोषी, आईपीसी की धारा 153 ए का खुला उल्लंघन सू मोटो कॉग्निजेंस किसी को? उच्चतम न्यायालय?'

तृणमूल पार्टी (TMC) के नेता साकेत गोखले ने ट्वीट कर योगी पर निशाना साधते हुए कहा है, 'बस सोच रहा था कि क्या बिष्ट ने आज पश्चिम बंगाल में बजने वाले हारमोनियम के कारण "अब्बा जान" का आह्वान किया?'

सैय्यद हसन लिखते हैं, पहले केवल 'अब्बा जान' (Abba Jaan) कहने वाले ही राशन पचा रहे थे। क्या अब्बा जान शब्द #मुसलमानों के खिलाफ नहीं है? इस आदमी की सांप्रदायिकता की कोई सीमा नहीं है। उसके अंदर इतनी नफरत है। #उत्तर प्रदेश के लोग शर्म आनी चाहिए।

राइटर के पत्रकार कनिष्क राज सिंह ने लिखा है, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य के मुख्यमंत्री का कहना है कि पहले की सरकारों में केवल "अब्बा जान" (मुसलमानों द्वारा अपने पिता के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) कहने वालों को ही राशन मिलता था जबकि अब यह सभी को दिया जाता है। ये शब्द कहते ही भीड़ जोर-जोर से जय-जयकार करने लगी।

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