Committee on MSP : एमएसपी पर अब किसानों के पाले में गेंद, केंद्र ने कमिटी के लिए मांगे नाम, SKM ने पूछे ये सवाल
एमएसपी पर कमेटी के लिए केंद्र एसकेएम से मांगे नाम।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) को लेकर किसानों के पाले में गेंद डाल दी है। कृषि कानून रद्द करवाने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून की मांग कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ( SKM ) ने इस बारे में बयान जारी कर कहा है कि बीते दिनों केंद्र सरकार ( Central Government ) ने एमएसपी कानून को लेकर प्रस्तावित कमेटी के लिए तीन नाम मांगे हैं, लेकिन मोर्चे ने पहले सरकार से इस समिति के बारे में डिटेल जानकारी मांगी है। एसकेएम ने डिटेल जानकारी मिलने के बाद अपनी तरफ से नाम नहीं देने की बात कही है।
दरअसल, केंद्र सरकार सरकार ( Central Government ) ने 01 अप्रैल को द्रमुक सांसद एम षणमुगम की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ( Narendra Singh Tomar ) ने कहा कि कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पर कमेटी का गठन करने के लिए केंद्र सरकार को संयुक्त किसान मोर्चे ( SKM ) से अपने प्रतिनिधियों के नाम सौंपने का इंतजार है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोर्चे से नाम मिलते ही समिति का गठन कर दिया जाएगा।
सरकार कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) संबंधी विभिन्न पहलुओं पर विचार के लिए समिति के गठन की आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है। सरकार को एसकेएम ने अभी तक नाम नहीं सौंपे हैं। सरकार की ओर से कहा गया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण कमिटी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में देरी हुई है।
दूसरी तरफ एसकेएम ने जानकारी दी है कि 22 मार्च को कृषि सचिव ने किसान युद्धवीर सिंह को फोन किया था। इसके जवाब में मोर्चे ने कृषि सचिव संजय अग्रवाल को पत्र भेजा है। एसकेएम ने इस कमेटी के बारे में केंद्र सरकार से सवाल पूछे हैं। एसकेएम ने पूछा है कि इस कमेटी में कौन होंगे? कमिटी क्या करेगी और कैसे काम करेगी। संयुक्त किसान मोर्चा के ताजा बयान से साफ है कि केंद्र सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। अब देखना यह है कि एमएसपी कानून को लेकर कमिटी कब तक बनती है।
Committee on MSP : बता दें कि दिल्ली बॉर्डर पर एक साल से ज्यादा समय तक किसान आंदोलन चला था। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लेने के बाद किसानों ने कुछ शर्तों के साथ आंदोलन वापस ले लिया था। पीएम मोदी ने 19 नवंबर को प्रकाश पर्व के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार कृषि कानूनों के फायदों को किसानों के समझाने में नाकाम रही। धरना समाप्त करवाने के लिए हुए समझौते में सरकार ने दिसंबर में एमएसपी कानून के लिए कमिटी बनाने की बात कही थी।