कर्नाटक: गोकशी के आरोप में बजरंग दल का पूर्व कार्यकर्ता साथी सहित गिरफ्तार
जनज्वार/कर्नाटक। बजरंग दल के पूर्व कार्यकर्ता अनिल प्रभु को पशु तस्करी के मामले में अरेस्ट किया गया है। पुलिस ने इन्हें पशुओं की कथित तस्करी के मामले में एक अन्य आरोपी मोहम्मद यासीन के साथ धर दबोचा है। पुलिस ने अनिल व उसके साथी यासीन को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। मामला दक्षिण के कर्नाटक का है।
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार यासीन ने ही अनिल के कामों का खुलासा किया था। अनिल प्रभु और यासीन आवारा पशुओं की चोरी कर कत्लखानों के व्यापारियों को बेच दिया करते थे, और पैसा कमाते थे। दोनों आरोपियों में से एक मोहम्मद यासीन उडुपी के 'हुडको सिटी' का रहने वाला है।
हालांकि बजरंग दल का कहना है कि पकड़े गए अनिल प्रभु का अब बजरंग दल से कोई संबंध नहीं है। बजरंग दल ने यह भी बताया कि गिरफ्तार हुआ अनिल प्रभु उडुपी जिले के करकला तालुक में बजरंग दल ऑफिस में काम करता था।
हाल ही में कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने गोहत्या निरोधी विधेयक पास किया है। ऐसा करने वाला कर्नाटक देश का इक्कीसवां राज्य है जहां गो हत्या पर रोक लगाई गई है। राज्य सरकार ने 'कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम और संरक्षण विधेयक-2020' पास करा लिया है।
इस बिल के मुताबिक, कर्नाटक में गो हत्या पर पूरी तरह से रोक दी गई है। गाय की तस्करी, अवैध ढुलाई, अत्याचार और गो हत्या करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इस पास हुए बिल में भैंस और उनके बछड़ों के संरक्षण का भी प्रावधान है। ऐसा करने वाले आरोपी के खिलाफ तेज कार्यवाही के लिए विशेष कोर्ट के गठन का भी प्रावधान है।
विधेयक में गौशाला स्थापित करने का भी प्रावधान किया गया है। इस बिल में गौहत्या करने पर एक पशु के लिए 50 हजार से 10 लाख तक जुर्माना और 3 से 7 साल की सज़ा का प्रावधान किया गया है। बिल में गौहत्या, गाय के बछड़े, बैल या भैंस (13 वर्ष के नीचे) की हत्या पर पाबंदी लगा दी गई है।