किसान आंदोलन को बांटने में लगा दैनिक जागरण, पाकिस्तान जिंदाबाद की फर्जी खबर लगाई और लिख दिया नहीं हो पाई पुष्टि!
Photo:social media
जनज्वार। नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन पर हैं। हरियाणा, पंजाब आदि कई राज्यों के किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। दिल्ली पहुंचने के क्रम में सरकार और पुलिस द्वारा इनकी यात्रा में जगह-जगह कई तरह के रोड़े अटकाए गए, उनपर पानी की बौछारें की गई, आंसू गैस के गोले छोड़े गए, फिर भी किसान रुके नहीं।
इन सबके बीच कई तरह के ऐसे वीडियो खासकर सोशल मीडिया में किसान आंदोलन से जोड़ते हुए वायरल किए जा रहे हैं, जिनकी सत्यता की कहीं से पुष्टि नहीं हो पाती। अब इसी तरह के एक कथित वीडियो का हवाला देते हुए मेन स्ट्रीम की मीडिया कहे जानेवाले अखबार 'दैनिक जागरण' ने एक खबर प्रकाशित की है, जिसके बाद बवाल मचा हुआ है। यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या दैनिक जागरण जैसे कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा किसान आंदोलन को बांटने या भटकाने की कोशिश की जा रही है?
इस खबर की बानगी अगर देखी जाय, तो इसमें कई झोल नजर आते हैं। कई तथ्यात्मक अशुद्धियां हैं। कहीं से कोई पुष्टि नहीं है। अगर ऐसा कोई कथित वीडियो वायरल है तो वह वीडियो फर्जी है या सही, इसकी पुष्टि नहीं है। वीडियो का क्षेत्र कहां का है, यह दैनिक जागरण को खुद नहीं पता।
अखबार दो स्थान विशेष को चिन्हित कर संभावना जताता है कि यह कथित वीडियो वहां का हो सकता है। संभावना वाले संबंधित जिला के एसएसपी इसकी पुष्टि नहीं करते, एएसपी ऐसी घटना से साफ तौर पर इंकार करते हैं, फिर भी अखबार ने खबर छापी है और अपनी भद्द पिटवा ली है। मजे की बात तो यह है कि जो बातें हमने ऊपर लिखी हैं, ये सारी बातें अखबार ने अपनी खबर में खुद ही लिखी हैं! दैनिक जागरण की विश्वसनीयता, नीति और नीयत को ऐसी खबरों से बट्टा लग सकता है।
अब खबर पर आते हैं। दैनिक जागरण अखबार में एक समाचार प्रकाशित की गई, जिसकी हेडिंग है 'किसानों के जत्थे में लगे पाक जिंदाबाद के नारे।' इस खबर में सब हेडिंग लगाई गई 'लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरनजीत सिंह बैस के सामने ही ये नारे लगाए गए।'
इस समाचार के कंटेंट में जाएं तो पहले पारे में सीधे-सीधे लिखा गया है कि दिल्ली घेराव के लिए जा रहे हरियाणा और पंजाब के किसानों की एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल हो गई है, जिसमें पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं। यह वीडियो पानीपत के समलखा के पास हलदाना बार्डर या मुरथल और बढ़ी के बीच नाके का होने का अनुमान है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं(?) हो सकी है।
समाचार में आगे लिखा गया है कि इस संबन्ध में विधायक सिमरनजीत सिंह बैस से बात नहीं हो सकी है। उनके किसी पीए के हवाले से लिखा गया है कि जब वे सोनीपत से गुजर रहे थे, तो भीड़ से किसी ने ऐसे नारे लगाए थे।
हालांकि दैनिक जागरण फिर सोनीपत के एएसपी उदय सिंह मीणा के हवाले से लिखता है कि जब बैस हल्द्वानी बार्डर पर आए थे तो एएसपी खुद वहां उनके साथ थे, पर ऐसे किसी नारे का मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
सोनीपत के एसएसपी जश्नदीप सिंह रंधावा के हवाले से भी जागरण ने लिखा है कि उनकी जानकारी में ऐसा मामला नहीं है, फिर भी वे देख रहे हैं कि वायरल वीडियो कहां की है।