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राष्ट्रीय

Dausa News : मरीज की मौत के बाद जिस डॉक्टर पर हुआ था हत्या का मुकदमा दर्ज, उसने तनाव में कर ली आत्महत्या

Janjwar Desk
30 March 2022 12:19 PM IST
अर्चना शर्मा खुदकुशी मामले में गहलोत सरकार की बड़ी कार्रवाई, एसपी, डीएसपी और एसएचओ पर ​गिरी गाज, जानें और क्या हुआ?
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डॉक्टर अर्चना शर्मा खुदकुशी मामले में गहलोत सरकार की बड़ी कार्रवाई। 

Dausa News : डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत के बाद महिला डॉक्टर पर लालसोट थाना पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि इस मुद्दे पर दबाव बढ़ने से डॉक्टर डिप्रेशन में आ गई थी।

Dausa News : राजस्थान ( Rajasthan ) के दौसा ( Dausa ) जिले के निजी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान एक महिला की मौत के मामले में हत्यारोपी महिला डॉक्टर द्वारा खुदकुशी का मामला सामने आया है। यह मामला राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा के विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान लापरवाही के आरोप में हत्या का मामला दर्ज ( Murder case ) होने की वजह से महिला डॉक्टर ने खुदकुशी ( lady Doctor Suicide ) की है। इस घटना के बाद से राजस्थान के डॉक्टरों में असंतोष चरम पर है। वहां के डॉक्टर बुधवार यानि 30 मार्च को हड़ताल पर हैं।

इस मामले में अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर सुनीत उपाध्याय ने बताया कि 22 साल की महिला आशा बैरवा प्रसव के लिए अस्पताल आई थी। पहले से ही ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से उसे बचाया नहीं जा सका। आशा बैरवा के परिजनों ने इसे लापरवाही का केस मान लिया। स्थानीय कांग्रेस नेताओं की वजह से डॉक्टर अर्चना शर्मा के खिलाफ पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था।

इसके बावजूद अस्पताल के बाहर प्रसूता के परिजनों और नेताओं के धरने से भी वो परेशान थी। बताया जा रहा है कई बार पुलिस को इस बात की सूचना दी गई मगर पुलिस उल्टे डॉक्टर को परेशान कर रही थी। कहीं से राहत न मिलने से परेशान महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने खुदकुशी कर ली। इस घटना से राजस्थान के डॉक्टरों आक्रोश है।

जानकारी के मुताबिक महिला डॉक्टर अपने खिलाफ हत्या का केस दर्ज होने के बाद से तनाव में थी। इतना ही नहीं, पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होकर महिला डॉक्टर ने आत्महत्या की है।

इस घटना के बाद आज राजस्थान में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। राजस्थान आईएमए के सचिव सर्वेश जोशी ने कहा कि इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक यदि अस्पताल में मौत हुई है तो इलाज में लापरवाही की धारा 304 लगाकर और कमेटी बनाकर जांच कर सकते हैं।

दूसरी तरफ आईएमए से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि राजनैतिक दबाव में अस्पताल के पूरे स्टाफ़ के खिलाफ 302 में मामला दर्ज कर लिया गया है। डॉक्टरों के इस मुद्दे पर हड़ताल का यह प्रदेश का पहला मामला है। अब देखना होगा कि राजस्थान सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है।

जनस्वास्थ्य चिकित्सक डॉ.ए.के. अरुण कहते हैं, 'इलाज के दौरान रोगी की मृत्यु बहुत ही संवेदनशील मसला है ! राजस्थान के एक क़स्बा लालसोट में डिलीवरी के दौरान एक महिला की मृत्यु हो गई। इसे परिजनों ने डॉक्टर की लापरवाही माना। डॉक्टर के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया और 302 के तहत हत्या की FIR दर्ज करवा दी गई। इस टॉर्चर से तंग आकर डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। पता चला है कि महिला की मृत्यु Postpartum Hemorrhage (PPH)से हुई थी। निश्चय ही महिला की मृत्यु दुखद थी और उनके परिजनों के लिए यह कठिन समय है लेकिन डॉक्टर को इस कदर प्रताड़ित किया जाना भी उचित नहीं है ! प्रताड़ित करने के बजाय ऐसे मामलों की उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए जिसमें मृतक के परिजन और उस क्षेत्र के बाहर के डॉक्टर भी शामिल होने चाहिए।'

बता दें कि डॉ. अर्चना शर्मा और उनके पति डॉ. सुनीत उपाध्याय का लालसोट में ही आनंद हॉस्पिटल है। लालसोट के खेमावास निवासी लालूराम बैरवा अपनी पत्नी आशा देवी को डिलीवरी के लिए सोमवार यानि 28 मार्च की सुबह हॉस्पिटल लेकर आया था। दोपहर में डिलीवरी के दौरान आशा की मौत हो गई। नवजात सकुशल है। घरवालों ने मुआवजे की मांग को लेकर देर रात ढाई बजे तक हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन किया। गुस्साए घरवालों ने लालसोट थाने में रिपोर्ट दी थी। लालसोट थाना पुलिस ने डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया। इससे डॉ. अर्चना डिप्रेशन में आ गई थीं और उन्होंने खुदकुशी कर ली।

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