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नाथूराम ने नहीं, नेहरू ने की थी गांधी जी की हत्या - यूपी की यूनिवर्सिटी के डीन साहब का दावा

Janjwar Desk
16 Aug 2022 8:15 AM IST
नाथूराम ने नहीं, नेहरू ने की थी गांधी जी की हत्या . यूपी की यूनिवर्सिटी के डीन साहब का दावा
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नाथूराम ने नहीं, नेहरू ने की थी गांधी जी की हत्या . यूपी की यूनिवर्सिटी के डीन साहब का दावा

जौनपुर जिले के पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रो. विक्रम देव आचार्य तीन साल पहले सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे और जवाहर लाल नेहरू पर किए गए पोस्ट को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं।

नई दिल्ली। एक दिन पहले देशभर में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस बीच यूपी के एक विश्वविद्यालय के डीन साहब द्वारा तीन साल पहले किया गया पोस्ट सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। डीन साहब ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि नाथूराम गोडसे ( Nathuram Godse ) अहिंसक थे। महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi Murder ) की हत्या के पीछे तो देश के पहले पीएम पं. जवाहर लाल ( Jawahar Lal Nehru ) नेहरू का हाथ था। ये बात अलग है कि उनके इस पोस्ट से नाराज युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर उस समय जोरदार प्रदर्शन किया था और जौनपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नाराज लोगों को शांत करा दिया था।

ये है डीन साहब का पोस्ट



दरअसल, पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रो विक्रम देव आचार्य ( Vikram Dev Acharya ) ने दो अगस्त 2019 की शाम को साढ़े सात बजे फेसबुक पर पोस्ट किया कि आजीवन अहिंसक रहे नाथूराम ( Nathuram Godse ) ने महामानव बापू ( Mahatma Gandhi ) जी की हत्या नहीं की थी, उनकी हत्या तो खुद नेहरू ( Jawahar lal Nehru ) ने की और संघ जैसे हिंदूवादी संगठनों को बदनाम करने के लिए उन्होंने नाथूराम गोडसे को मोहरा बना दिया। प्रो.साहेब ने अपने पोस्ट में लिखा था कि यह एक रहस्य है, जिससे पर्दा उठना ही चाहिए। सच्चाई जनता के सामने आ जाएगी तो जनता नेहरू एवं कांग्रेस से नफरत करेगी।

विक्रम देव आचार्य पर लगे थे ये आरोप

प्रो. विक्रम देव आचार्य का पोस्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता आगबबूला हो गए और तीन अगस्त को उन्होंने जौनपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया था। तत्कालीन यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सत्यवीर सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उनका कहना था कि समाज में अशांति फैलाने के लिए इस तरह की पोस्ट डाली गई है। इस पोस्ट को डीन ने फेसबुक पर अमित शाह, नरेंद्र मोदी, पीएमओ इंडिया, योग ऋषि रामदेव, मोहन भागवत, रिपब्लिक भारत को भी टैग किया था। साल 2019 में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने आरोप लगाया था कि सोशल मीडिया पर पोस्ट को देखने के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। ऐसे लोग जो विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण पद पर बैठे हैं, उनका इस तरह घृणा फैलाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उनको दंडित किया जाना चाहिए। इसमामले में अधिवक्ता विकास तिवारी ने मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

पोस्ट किया डिलीट, डीन साहब अपने पर दावे पर कायम

विवाद बढ़ने पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रो. विक्रम देव आचार्य ने बताया कि हमने फेसबुक हटा दिया था लेकिन उनका कहना है कि उन्होंने जो पोस्ट डाली थी, उसे मैं ठीक से समझता हूं। लोगों की आपत्ति आई तो उस पोस्ट को हटा दिया। मगर मैंने जो लिखा है वो सच है। पोस्ट भले ही हटा लिया है, लेकिन अपनी बात पर पहले की तरह कायम हूं।

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