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दिल्ली

किसानों ने बॉर्डर पर ही बनाने शुरू किए पक्के मकान, गर्मियों से बचने की शुरू हुई तैयारी

Janjwar Desk
12 March 2021 3:09 PM GMT
किसानों ने बॉर्डर पर ही बनाने शुरू किए पक्के मकान, गर्मियों से बचने की शुरू हुई तैयारी
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बॉर्डर पर जिन जगहों पर किसानों ने टैंट लगाए थे, उन्ही जगहों पर अब मकान बनाए जा रहे हैं इसके लिए ईंट से लेकर मिस्त्री तक पंजाब से बुलवाए गए हैं।

सिंघु बॉर्डर। कृषि कानून के खिलाफ शुक्रवार को किसानों का 106वें दिन आंदोलन जारी रहा, हालांकि धीरे धीरे मौसम जिस तरह अपना मिजाज बदल रहा है उसी तरह किसान भी आंदोलन को तेज करने के लिए नए नए कदम उठा रहे हैं। ऐसे में गर्मियों से निपटने के लिए किसानों ने बॉर्डर पर ईंटों के पक्के मकान बनाने शुरू कर दिए हैं। सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने ईंटों को जोड़कर सड़क पर ही पक्का मकान बनवाना शुरू कर दिया है, यह मकान सिंघु बॉर्डर स्थित मुख्य मंच से कुछ किलोमीटर आगे की ओर चलते ही दिख जाएंगे।

बॉर्डर पर जिन जगहों पर किसानों ने टैंट लगाए थे, उन्ही जगहों पर अब मकान बनाए जा रहे हैं इसके लिए ईंट से लेकर मिस्त्री तक पंजाब से बुलवाए गए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से मीडिया देखने वाले करमजीत सिंह ने बताया कि, "आज पंजाब किसान नेताओं की सिंघु बॉर्डर पर ही इसी मसले पर ही बैठक हुई। जिसमें गर्मियों से बचाव के कैसे किया जाए इसपर मुख्य चर्चा रही। बॉर्डर पर कुल 4 मकान बनाए जा रहें है, लेकिन भविष्य में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। ये सभी मकान दो मंजिला रहेंगे।"

"किसानों की संख्या ज्यादा होने के कारण यह दो मंजिला बनवाए जा रहें है और किसान आंदोलन लम्बा चलना है तो तैयारी मजबूत करनी होगी।"

दरअसल बॉर्डर पर किसानों ने प्लास्टिक के टेंट बनाए थे, जिनमें ठंड तो गुजर गई लेकिन गर्मियों में इनमें तपिश होने के कारण रुका नहीं जाता। हालांकि गांव में इस्तेमाल होने वाली घांस भी मंगाई गई है, जिससे छप्पर पर डाला जा सके, लेकिन रात में मच्छर और दिन में गर्म जमीन किसानों को पक्के मकान बनाने पर मजबूर कर रही है।

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