Sharjeel Imam Anti-CAA protest: Sharjeel Imam पर चलेगा देशद्रोह का केस, कोर्ट का आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला
Delhi : साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम को दी बड़ी रहात, भड़काऊ भाषण मामले में मिली जमानत
Sharjeel Imam Anti-CAA protest: ल्ली दंगों से जुड़े मामलों में आरोपी शरजील इमाम (Sharjeel Imam) पर अब देशद्रोह का केस चलाया जाएगा. अदालत ने शरजील पर देशद्रोह व UAPA समेत कई अन्य धाराएं लगाने का आदेश दिया है. शरजील पर ये सभी धाराएं दिल्ली में एंटी-सीएए प्रदर्शन के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण लगाई जाएंगी. शरजील ने इय तरह के भाषण उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और दिल्ली में जामिया इलाके में दिए थे. आपको बता दें कि इमाम के खिलाफ 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित भड़काऊ भाषण सहित विभिन्न प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. वह जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं.
अप्रैल 2020 में देशद्रोह लगा आरोप
शरजील इमाम पर आरोप है कि उसने भाषण में असम को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले भू-भाग (चिकेन नेक) को काटने की बात कही थी. दिल्ली पुलिस ने अप्रैल 2020 में देशद्रोह का आरोप लगाया था. उसके बाद शरजील इमाम को 28 फरवरी 2020 को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था.
A Delhi court orders to frame sedition charges againstSharjeel Imam, in connection with alleged inflammatory speechs made by him in Aligarh Muslim University, Uttar Pradesh and Jamia area in Delhi.— ANI (@ANI) January 24, 2022
दिल्ली पुलिस ने उस दौरान कहा था कि शरजील के भाषण ने लोगों के बीच में दुश्मनी को बढ़ाने का काम किया, जिसके कारण दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास दंगे हुए थे.
दिल्ली की एक अदालत ने दिया आदेश
अब दिल्ली की एक अदालत ने शरजील पर देशद्रोह का आरोप तय करने का आदेश दिया है. अब शरजील इमाम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कोर्ट के आदेश के बाद अब उस पर देशद्रोह का मुकदमा चलेगा. जानकारी के अनुसार एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने फैसला देते हुए कहा कि शरजील इमामल पर आईपीसी के सेक्शन 124A (देशद्रोह), 153A, 153B और 505 और UAPA के सेक्शन 13 के तहत केस चलेगा. अदालत ने अपने आदेश में आगे कहा कि शरजील ने 2019 के दिसंबर में जो भाषण दिए थे, उसके लिए उसको ट्रायल का सामना करना होगा. अदालत ने उन भाषणों को भड़काऊ माना है.