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DGCA : ट्रांसजेंडर लोगों को पायलट का लाइसेंस देने पर नहीं है रोक, डीजीसीए ने पेश की सफाई

Janjwar Desk
14 July 2022 10:18 AM IST
DGCA : ट्रांसजेंडर लोगों को पायलट का लाइसेंस  देने पर नहीं है रोक, डीजीसीए ने पेश की सफाई
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DGCA : डीजीसीए ने साफ कर दिया है कि उसे भारत के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी ( adam harry ) को कमर्शियल पायलेट का लाइसेंस देने से कोई ऐतराज नहीं है।

DGCA : भारत के पहले ट्रांसजेंडर पायलट ( transgender pilot) को उड़ान परमिट से वंचित करने में केंद्र ने बार-बार हस्तक्षेप को लेकर जारी विवाद समाप्त हो गया है। अब विमानन नियामक प्राधिकरण ( DGCA) ने ट्रांसजेंडर पायलट को उड़ान भरने की इजाजत दे दी है। इस फैसले के बाद केरल के मूल निवासी ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी ( Adam Harry) का नये सिरे से मेडिकल टेस्ट होगा और वो उसके बाद उड़ान भर सकेंगे।

DGCA ने इजाजत देने से किया था इनकार

नागरिक उड्डयन विभाग (DGCA ) ने बुधवार को एडम हैरी को एक ईमेल भेजा जिसमें उनसे जरूरी चिकित्सा प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए कहा गया है। यह कदम 11 जुलाई के एक पत्र के दो दिन बाद आया है जब डिपार्टमेंट ऑफ यूनियन्स ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट ऑफ एविएशन रेगुलेटर ने हैरी को पहले के निजी पायलट के लाइसेंस से वंचित करने का आह्वान किया था जो कि पूरी तरह से भेदभावपूर्ण है।

इस मामले में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने बुधवार को भारत के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी ( Adam Harry ) के मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ट्रांसजेंडर लोगों को पायलट का लाइसेंस देने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। डीजीसीए ने एडम हैरी ( Adam Harry ) को चिकित्सा के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया था।

मेडिकल फिटनेस टेस्ट जरूरी

डीजीसीए ने चिकित्सा सेवा महानिदेशालय के ग्रुप कैप्टन वाईएस दहिया का हस्ताक्षरित एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि डीजीसीए ने एडम हैरी को व्यावसायिक पायलट का लाइसेंस देने से कभी इनकार नहीं किया। ट्रांसजेंडर लोगों के लाइसेंस हासिल करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह जरूरी है कि वह विमानन नियम 1937 के तहत उम्र, शिक्षा और चिकित्सा जैसे अन्य मानदंड पूरे करता हो। लाइसेंस लेने के लिए मेडिकल फिटनेस बेहद जरूरी है।

ट्रांसजेंडर्स के लिए ये है नियम

ट्रांसजेंडर पायलट के मामले में संबंधित व्यक्ति का चिकित्सा मूल्यांकन नियमानुसार जरूरी माना गया है। ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि उड़ा के समय कोई प्रतिकूल प्रभाव न हो। इस मकसद को पूरा करने के लिए हारमोन थेरेपी का इस्तेमाल कोई अयोग्यता नहीं है। डीजीसीए के मुताबिक एडम हैरी के मामले में चिकित्सा को लेकर विश्वस्तरीय दिशा-निर्देशों का पालन किया गया।

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