बजरंग दल के वीडियो को आपत्तिजनक नहीं मानने वाले फेसबुक ने किसान आंदोलन के फेसबुक पेज को क्यों किया ब्लाॅक?
जनज्वार। तीखे विरोध के बाद आखिरकार फेसबुुक ने किसान एकता मोर्चा के उस पेज को रीस्टोर कर दिया दिसे उसने रविवार को किसान संगठनों के प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान ब्लाॅक कर दिया था। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को आरोप लगाया था कि किसान एकता मोर्चा के उनके उस फेसबुक पेज को अचानक ब्लाॅक कर दिया गया जिस पर उनके प्रेस कान्फ्रेंस की लाइव स्ट्रीमिंग हो रही थी।
किसान इस पेज पर आंदोलन से जुड़े अपडेट के साथ अपनी महत्वपूर्ण गतिविधियों की लाइव स्ट्रीमिंग भी करते हैं। फेसबुक के इस कदम के बाद सोशल मीडिया पर शेम आॅन फेसबुक, जुकरबर्ग सेम आॅन यू जैसे हैसटेग चलने शुरू हो गए जिसके माध्यम से लोग इस कदम का विरोध करने रहे हैं। लोग सोमवार को भी इस हैसटैग के माध्यम से लगातार इस कदम का विरोध जता रहे हैं।
Really @Facebook ! 👇🏽
— Ami Verma #ProudPunjabi #IStandWithFarmers #Desi (@theamiverma) December 20, 2020
You unpublished the Facebook page of @Kisanektamorcha peaceful protest #ShameOnYou #TooMuchDemocracy #DigitalKissan pic.twitter.com/qcdoTbbn4c
पेज को ब्लाॅक किए जाने के तीन घंटे बाद उसे रिस्टोर किया गया था और आज यह काम कर रहा है। हालांकि लोग इससे फेसबुक की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों को कहना है कि फेसबुक ने एक बार फिर अपनी मंशा जाहिर कर दी और यह दिखाता है कि किस तरह वह आवाजों को दबाने का काम करता है। ट्विटर पर फेसबुक की जमकर किरकिरी हो रही है।
दरअसल, रविवार शाम को किसान नेता सिंघु बाॅर्डर पर एक प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे, जिस दौरान उन्होंने 25 से 27 दिसंबर के बीच टोल प्लाजा को फ्री कर देंगे और सोमवार को भूख हड़ताल करेंगे, जबकि इस 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के दौरान तबतक ताली पीट कर विरोध जताएंगे जब तक वे संबोधित करेंगे।
फेसबुक के इस कदम पर तब सवाल और गंभीर हो जाता है, जब हाल ही में फेसबुक इंडिया के चीफ अजीत मोहन ने संसदीय समिति के सामने बजरंग दल के एक कंटेंट को लेकर कहा थाा कि इसमें कार्रवाई लायक कुछ भी नहीं है। दरअसल, उन्हें सूचना प्रौद्यगिकी मामले की संसदीय समिति ने पिछले सप्ताह बुधवार को बजरंग दल के एक कंटेंट को लेकर तलब किया था।
According to Facebook India, Bajrang Dal posts calling for violence against Muslims is "Freedom of Speech" but @Kisanektamorcha 's posts calling for unity and integrity of Indians is #TooMuchDemocracy.
— Valsala Kumari T✋ (@t_valsala) December 21, 2020
Welcome to the new India!#ZuckerbergShameOnYou #ShameOnFacebook pic.twitter.com/Gzd4YFEZzD
उस समय समिति के सदस्य कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने फेसबुक इंडिया हेड से सवाल पूछा था, जिस पर उन्होंने कहा था सोशल मीडिया कंपनी की फैक्ट चेकिंग टीम को इस तरह की कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है, जिस पर प्रतिबंध की जरूरत हो। अजीत मोहन को वाॅल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के संबंध में तलब किया गया था। वाॅल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में बजरंग दल के एक वीडियो का हवाला देते हुए कहा गया था कि इस वीडियो में बजरंग दल ने दिल्ली में चर्चा पर हुए हमले की जिम्मेवारी ली थी, बावजूद इसके इस वीडियो को फेसबुक पर अनुमति दी गयी जिसे ढाई लाख लोगों ने देखा। इस रिपेार्ट में फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने वाल स्ट्रीट से कहा था कि हम बिना किसी पार्टी या अन्य से प्रभावित हुए दुनियाभर में अपनी नीतियों का पालन करते हैं।
दअसल, वाॅल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बजरंग दल पर प्रतिबंध को लेकर फेसबुक की ओर से आंतरिक मूल्यांकन किया गया था लेकिन फेसबुक ने वित्तीय कारणों एवं अपने कर्मचारियों की सुरक्षा की चिंता की वजह से बजरंग दल पर कार्रवाई नहीं की थी और न ही वीडियो को ब्लाॅक किया गया।