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Fake News : फेक न्यूज के दौर में समाज की कमियां सामने लाने वाले पत्रकारों की जरुरत - जस्टिस चंद्रचूड़

Janjwar Desk
10 Aug 2022 6:04 AM GMT
Fake News : फेक न्यूज के दौर में समाज की कमियां सामने लाने वाले पत्रकारों की जरुरत - जस्टिस चंद्रचूड़
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Fake News : फेक न्यूज के दौर में समाज की कमियां सामने लाने वाले पत्रकारों की जरुरत - जस्टिस चंद्रचूड़

Fake News : जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य सूचनाएं, विचार और अभिमत जुटाना है। इन्हीं के बल पर आम नागरिग सही निर्णय ले पाते हैं, बेहतर विकल्प चुन पाते हैं...

Fake News : सुप्रीम कोर्ट (Sipreme Court) के जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने आज के दौर में चल रहे फेक न्यूज के चलन पर चिंता जताई है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य सूचनाएं, विचार और अभिमत जुटाना है। इन्हीं के बल पर आम नागरिग सही निर्णय ले पाते हैं, बेहतर विकल्प चुन पाते हैं। आज फेक न्यूज और झूठी सूचनाओं के दौर में हमें ऐसे पत्रकारों की पहले से ज्यादा जरूरत है, जो छिपाई जा रही चीजों पर लिखें, समाज में मौजूद खामियां सामने लाएं।

पत्रकार विधार्थियों और लोगों की बन सकते हैं आवाज

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने जिंदल विश्वविद्यालय के दीक्षांत व स्थापना दिवस समारोह में पत्रकार बनने जा रहे युवाओं से कहा कि वे विद्यार्थियों और लोगों की आवाज बन सकते हैं। वे दुनिया को बेहतर बना सकते है।

सामाजिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र खतरे में

जस्टिस चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी कई समुदाय लोकतंत्र का फल नहीं चख पाए। हमें सामाजिक व आर्थिक हैसियत और पद की वजह से यह फल विरासत में मिल गए। पर, कई नागरिक सामाजिक व आर्थिक गैरबराबरी की वजह से वंचित हैं। डॉ. बीआर आंबेडकर ने चेताया था कि राजनीतिक लोकतंत्र का ढांचा हमेशा खतरे में रहेगा, अगर इसे सामाजिक लोकतंत्र का सहारा नहीं मिलेगा।

हम असमानता से भरी दुनिया में जी रहे हैं

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि कानून औपचारिक समानता दिलाता है, लेकिन हम जिस दुनिया में जी रहे हैं वह असमानता से भरी है। अवसर के दरवाजे उन्हीं के लिए खुलते हैं, जिनके पास सबकुछ है और उनके लिए बंद रहते हैं, जिनके पास कुछ नहीं है।

युवाओं को सामाजिक न्याय के लिए करना होगा काम

जस्टिस चंद्रचूड़ ने जिंदल ग्लोबल विवि के दीक्षांत व स्थापना दिवस समारोह में कहा कि सामाजिक न्याय को सफल बनाने के लिए बदलाव लाकर सभी को बराबर अवसर दिलाने होंगे। हर नागरिक को इन बदलाव में योगदान देना होगा, खासतौर से विद्यार्थियों और किसी प्रोफेशन से जुड़ने जा रहे युवाओं को सामाजिक न्याय के लिए काम करना होगा।

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