किसान नेता सरकार के साथ बैठक से पहले बोले, हमें आज की वार्ता से भी कोई उम्मीद नहीं
किसान नेताओं और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बैठक का फाइल फोटो।
जनज्वार। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संघों व केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बुधवार को होने वाली बैठक से पहले प्रमुख किसान नेताओं ने कहा है कि उन्हें आज की बैठक से भी कोई उम्मीद नहीं है। पिछले डेढ महीने से कई चरणों की बैठक के बाद भी किसानों की मुख्य मांग तीन नए कानूनों की वापसी व एमएसपी को वैधानिक मान्यता देने को लेकर सरकार ने कोई पाॅजिटिव संकेत अभी तक नहीं दिया है।
आज की बैठक भी पहले जैसे ही होगी। बैठक से हमें कोई उम्मीद नहीं। जब भी बैठक होती है हम इसलिए जाते हैं कि सरकार हमारे साथ बैठक कर इसका हल निकाले। लेकिन हल निकालने का सरकार का अभी भी मन नहीं बना है: किसानों और सरकार के बीच आज होने वाली वार्ता पर एक किसान नेता, सिंघु बॉर्डर #farmslaws pic.twitter.com/hAulma5jYO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने आज कहा कि दे दिन पहले सरकार के मंत्री ने ऐलान किया कि हम कानूनों को निरस्त नहीं करेंगे। सरकार का रवैया अभी भी नकारात्मक है, इस परिस्थिति में वार्ता में बहुत कुछ होगा, ऐसी उम्मीद नहीं है। वहीं, सिंघु बाॅर्डर पर एक और किसान नेता ने कहा कि आज की बैठक भी पहले जैसी होगी, बैठक से हमें कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि बैठक में हम इसलिए जाते हैं ताकि सरकार हमारे साथ बैठक कर इसका कोई हल निकाले। लेकिन, हल निकालने पर सरकार का अभी भी मन नहीं बना है।
दो दिन पहले सरकार के मंत्री ने ऐलान किया कि हम कानूनों को निरस्त नहीं करेंगे। सरकार का रवैया अभी भी नकारात्मक है। इस परिस्थिति में बहुत कुछ होगा ऐसी कोई उम्मीद नहीं है: किसानों और सरकार के बीच आज की वार्ता पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह #FarmersProtest pic.twitter.com/QA1tTzBcig
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए एक कानून बनाए। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन इन्हीं मांगों को लेकर है। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन कृषि में कारपोरेट सिस्टम लाने के खिलाफ है।
सरकार को 3 कानूनों को रद्द करना होगा और MSP पर कानून बनाना होगा, तभी हम किसानों को लाभ मिलेगा: किसान और सरकार के बीच आज होने वाली 10वें दौर की वार्ता से पहले राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #FarmersProtest pic.twitter.com/jB92vsOcNG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
The government has to make a legislation on Minimum Support Price and repeal the three farm laws. Our protest is against the govt and the corporate system: Rakesh Tikait, spokesperson, Bhartiya Kisan Union, ahead of the 10th round of farmer-Centre talks pic.twitter.com/MO8Amqo8Ps
— ANI (@ANI) January 20, 2021
वहीं, किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा किसान एकता मोर्चा ने एक ट्वीट कर कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की कानूनी चिंताओं का जवाब नहीं दे रही है और वह उनका विश्वास खो रही है।
बुधवार को किसान आंदोलन का 55वां दिन है और किसानों ने 23 व 24 जनवरी को किसान संसद आयोजित करने का निर्णय लिया है, वहीं 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड का आयोजन किया जाएगा जिसमें अपनी मांगों के समर्थन में किसान ट्रैक्टर से प्रदर्शन करेंगे।
इस बीच 21 जनवरी को किसान आंदोलन व कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की बैठक होगी।
26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड रिंग रोड पर करने का फैसला
वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान गणतंत्र परेड के जरिए हम गणतंत्र दिवस परेड में बाधा नहीं डालेंगे। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि किसान गणतंत्र परेड का आयोजन रिंग रोड पर किया जाएगा और इसके लिए आज की बैठक में सरकार को इस बारे में कहा जाएगा।
किसानों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पुलिस के साथ होने वाली बैठक के लिए विज्ञान भवन पहुंचा।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया, "हम 26 जनवरी को सरकार की परेड में बाधा नहीं डालेंगे। हम उनसे कहेंगे कि ट्रैक्टर रैली के लिए रिंग रोड ठीक रहेगा क्योंकि ट्रैक्टर बहुत ज़्यादा होंगे।" pic.twitter.com/b2Zjr6o7PJ