किसान आंदोलन का आज 20वां दिन, अन्ना हजारे बोले - मांगें पूरी नहीं हुईं तो करूंगा अनशन
(सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए बनाए गए अस्थायी तंबुओं का दृश्य, जहां वे 20 दिनों से डटे हुए हैं)
जनज्वार ब्यूरो/नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह को एक पत्र लिख कर किसानों की मांगें पूरा करने को कहा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि अगर सरकार किसानों की मांगें पूरी करने में विफल रहती है तो फिर से अपनी भूख हड़ताल शुरू करेंगे। उन्होंने कहा है कि सरकार स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करे और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग को स्वायत्ता दे। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि नरेंद्र सिंह तोमर के पूर्ववर्ती राधामोहन सिंह ने उन्हें इसके लिए फरवरी 2019 में आश्वासन दिया था।
अन्ना हजारे ने कहा है कि किसानों के उपवास के दौरान वे भी एक दिन अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर थे। उन्होंने कहा कि देश में किसानों के खिलाफ कोई कानून स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
Social activist Anna Hazare has written to Union Agriculture Minister stating that he will launch hunger strike against Central Government if the farmers issues are not resolved pic.twitter.com/nX7DDA6yet
— ANI (@ANI) December 14, 2020
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस पर कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि अन्ना हजारे आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार ने किसानों का अहित नहीं किया है। गडकरी ने कहा कि किसान संगठन, राजनीतिक पार्टियां या किसान बताएं, हम संशोधन करने के लिए तैयार हैं।
I don't think Anna Hazare ji will join. We have not done anything against the farmers. It is the right of farmers to sell their produce in mandi, to traders or anywhere else: Union Minister Nitin Gadkari on farmers' protest pic.twitter.com/veSvhn6DWu
— ANI (@ANI) December 15, 2020
नितिन गडकरी ने कहा कि इस विषय को राजनीति से दूर रखने से किसानों का हित होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अन्ना हजारे इस आंदोलन में शामिल होंगे। मालूम हो कि अन्ना हजारे ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक पत्र लिख कर किसान आंदोलन का समर्थन किया है और उनकी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है।
किसान आंदोलन का आज 20वां दिन
नरेंद्र मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन मंगलवार को 20वें दिन भी जारी है। सिंघी, टिकरी, गाजीपुर बाॅर्डर सहित दिल्ली से लगी अन्य राज्यों की सीमाओं पर आज भी अपनी मांगों के समर्थन में धरने पर बैठे हैं। टिकरी बाॅर्डर पर किसान 20वें दिन भी धरने पर बैठे हुए हैं।
Farmers' protest against Centre's three farm laws continues for the 20th day at Singhu border with Delhi pic.twitter.com/7gZFUNsJ5x
— ANI (@ANI) December 15, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पूर्व सैनिक सिंघु बॉर्डर पहुंचे। पूर्व सैनिक कमलदीप सिंह ने बताया, "मैं 5 साल पहले भारतीय सेना से रिटायर हुआ। हम खुद किसान-मज़दूर के बेटे हैं, हम यहां एक फौजी के तौर पर नहीं आए।" #FarmersProtest pic.twitter.com/u8g9kGReGM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 15, 2020
दिल्ली-यूपी के बीच गाजीपुर बाॅर्डर पर किसानों के धरने का आज 18वां दिन है। यहां धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि वे ठंड से परेशानी का सामना कर रहे हैं, फिर भी अपना आंदोलन जारी रखेंगे। एक वर्षीया महिला किसान राम कली ने कहा कि हम न्याय चाहते हैं और अपनी मांगों के लिए यहां धरने पर बैठे हैं।
Delhi: Farmers' protest at Ghazipur (Delhi-UP border) enters day 18. Farmers say they're facing difficulties in cold weather but will continue their fight.
— ANI (@ANI) December 15, 2020
"There're lot of problems we've to face. But we're here to protest as we want justice," says 80-year old protester Ram Kali pic.twitter.com/yK728pbAMc
जयसिंहपुर खेड़ा (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर पर कृषि कानूनों को खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। #FarmerProtest pic.twitter.com/ocsC1aGh58
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 15, 2020