Supreme court : न्यायिक इतिहास में तीसरी बार ऑल वुमन बेंच ने पूरी की सुनवाई
नई दिल्ली। देश के न्यायिक इतिहास में गुरुवार यानि एक दिसंबर को तीसरी बार ऐसी घटना हुई जब सुप्रीम कोर्ट ( supreme court ) की कोर्ट की ऑल वुमन बेंच ( all women bench ) ने की सुनवाई पूरी की। इस बेंच में जस्टिस हेमा कोहली ( Justice Hima Kohli ) और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ( Justice Bela M Trivedi ) को शामिल किया गया था। यह पूरी तरह से महिला बेंच थी। इस बेंच ने कोर्ट नंबर 11 में सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर सुनवाई पूरी की।
जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की महिला बेंच ने दस स्थानांतरण याचिकाओं, दस जमानत मामलों, नौ दीवानी और तीन आपराधिक मामलों की सुनवाई की।
सु्प्रीम कोर्ट के इतिहास में अभी तक मात्र ग्यारह महिला न्यायाधीश हुई हैं। न्यायमूर्ति फातिमा बीवी पहली महिला न्यायाधीश थीं जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था। वह साल 1989 की बात है।
इससे पहले 2013 में देश के न्यायिक इतिाहस में पहली बार केवल महिलाओं की बेंच बैठी थी। पहली बेंच में शामिल जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई की बेंच बैठी सुनवाई की थी। यह घटना पीठासीन न्यायाधीश जस्टिस आफताब आलम की अनुपस्थिति के कारण एक 'आकस्मिक' व्यवस्था थी। दूसरी बार केवल महिला न्यायाधीशों वाली पीठ ने वास्तव में 2018 में सुनवाई की थी जब जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ बैठी थी। जस्टिस फातिमा बीवी के बाद जस्टिस सुजाता मनोहर, उसके बाद जस्टिस रूमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, रंजना प्रकाश देसाई, आर भानुमति, इंदु मल्होत्रा, इंदिरा बनर्जी, हेमा कोहली, बीवी नागरत्ना और बेला त्रिवेदी भी सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बनीं। इन जजों में जस्टिस बीवी, मनोहर और पाल ने अपने पूरे कार्यकाल में एकमात्र महिला जज के रूप में सुप्रीम कोर्ट में अपना समय बिताया। एक सिटिंग महिला जज का यह चलन 2011 में टूटा जब जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को बेंच में प्रोन्नत किया गया। वह न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा के साथ दूसरी मौजूदा महिला न्यायाधीश बनीं। यह पहली बार था जब सुप्रीम कोर्ट में एक से अधिक महिला न्यायाधीश थीं। यह तब भी था जब ये दो महिला न्यायाधीश एक साथ बैठी थीं और इस प्रकार पहली महिला पीठ बन गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court )में 27 न्यायाधीशों की वर्तमान शक्ति में से केवल तीन महिला न्यायाधीश हैं। जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस बेला त्रिवेदी। तीनों ने 31 अगस्त, 2021 को एक ही दिन शपथ ली थी।