GN Saibaba Hunger Strike : सेल के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने के खिलाफ फिर भूख हड़ताल पर बैठे डीयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ. जीएन साईबाबा
GN Saibaba Hunger Strike : सेल के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने के खिलाफ फिर भूख हड़ताल पर बैठे डीयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ. जीएन साईबाबा
GN Saibaba Hunger Strike : दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर व एक्टिविस्ट और नक्सलियों से संबंध के आरोप में नागपुर सेंट्रल जेल में बंद डॉ. जीएन साईबाबा ने बीते 21 मई से दोबारा हड़ताल शुरू कर दिया है। उनकी ओर से जेल प्रशासन को कहा गया है कि उनकी मांगे जल्द पूरी की जाए। आपको बता दें कि डीयू के पूर्व प्रोफेशर डॉ. जीएन साईबाबा शारीरिक रूप से 90 प्रतिशत तक विकलांग हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले भी डेढ़ वर्ष पूर्व जब देश में लॉकडाउन लगा था जीएन साईबाबा ने जेल में भूख हड़ताल किया था। उस दौरान उन्होंने परिवारवालों की ओर से भेजी गयी दवाओं, वकीलों से संपर्क, किताब उपलब्ध कराने और चिट्ठियां भेजने की अनुमति देने की मांग करते हुए उन्होंने भूख हड़ताल की थी। उस समय उनकी कुछ मांगें मान ली गयी थी।
बाताया जा रहा है कि इस बार से अपने अंडा सेल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरा को हटाने की मांग करते हुए भूख हड़ताल पर बैठे हैं। आपको बता दें कि बीते 10 मई को जेल प्रशासन की ओर से बिना किसी कारण बताए जिस सेल में डॉ. जीएन साईबाबा रहते हैं उसके बाहर सीसीटीवी कैमरा लगवाया गया था। इसका विरोध करते हुए डॉ. जीएन साईबाबा ने अपने वकीलों के माध्यम से कहा है कि चौबीसों घंटे कैमरे लगाकर उनकी निगरानी करना उनकी निजता, जीवन, स्वतंत्रता के साथ-साथ उनकी शारीरिक इंटैगरिटी से जुड़े उनके मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। उनका कहना है कि जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं उनमें चौबीसों घंटे के क्रियाकलाप रिकॉर्ड हो रहे हैं। जिनमें उनका बाथरूम जाना, नहाना और दिनचर्या से जुड़े उनके दूसरे क्रियाकलाप शामिल हैं। यह उनके मूलभूत मानवाधिकारों के खिलाफ है। एक सजायाफ्ता व्यक्ति के भी अधिकारों को बरकरार रखा जाना चाहिए।
आपको बता दें कि डॉ. जीएन साईबाबा के वकील एडवोकेट आकाश शोरडे की ओर से जो जानकारी दी गयी है उसके अनुसार साईबाबा बीते 21 मई से 24 मई तक भूख हड़ताल पर रहे। जिस दौरान उनकी सेहत बिगड़ गयी थी। उसके बाद जेल प्रशासन ने उनके अंडा सेल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की दिशा बदलने की मांग मान ली थी। जेल प्रशासन अब उन्हें पानी की एक बॉटल भी देने को राजी हो गया है। जिसके लिए पहले उन्हें मना कर दिया गया था। इन चार दिनों के भूख हड़ताल के दौरान डॉ. जीएन साईबाबा की सेहत में भी काफी गिरावट आयी है।
वहीं सूत्रों के अनुसार 25 मई 2022 की शाम को डॉ. जीएन साईबाबा को जेल अस्पताल में बेहतर इलाज के भेज दिया गया। जेल के चीफ मेडिकल अफसर और सुपरिटेंडेंट ने भी उनके इलाज में बढ़ोतरी करने की बात पर हामी भरी है। ये सारी जानकारी कमिटी फोर द डिफेंस एंड रिलीज आॅफ डॉ. जीएन साईबाबा के कन्वेनर प्रो. जी हरगोपाल की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गयी है।