27 को किसानों के थाली पीटने से डरी सरकार, मोदी अब किसानों को करेंगे संबोधित, खाते में डालेंगे पैसे
जनज्वार। पिछले करीब एक महीने से जारी किसान आंदोलन को वार्ता व समन्वय के रास्ते सुलझाने के बजाय अब मोदी सरकार ने नयी रणनीति तैयार की है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जयंती के मौके पर 25 दिसंबर को केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि के 18 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में डालने का निर्णय लिया है और इसके साथ ही इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के किसानों को संबोधित करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को इसकी जानकारी मीडिया को दी।
On 25th December, 9 crore farmers will receive Rs 18000 crores in their accounts as part of PM Kisan Saman Nidhi Yojna. PM will be the Chief Guest. By last evening, 2 crores farmers have registered themselves for this online event: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar pic.twitter.com/T2bIO9veyx
— ANI (@ANI) December 23, 2020
नरेंद्र सिंह तोमर ने सरकार द्वारा किसानों का आक्रोश कम करने के लिए बनाए गए प्लान की विस्तृत जानकारी दी। मालूम हो कि किसान संगठनों ने 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान थाली पीटने आह्वान किया है। किसानों ने देशवासियों से भी ऐसा करने की अपील की है और कहा है कि मन की बात के संबोधन के दौरान ऐसा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कृषि कानून को लेकर अपना विरोध जताएंगे।
कृषि मंत्री ने कहा कि 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को भारत सरकार सुशासन दिवस के रूप में मनाती है। इस बार सुशासन दिवस के मौके पर नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। तोमर ने कहा कि पिछली शाम तक दो करोड़ किसानों ने खुद का निबंधन आॅनलाइन माध्यम से इस योजना के लिए करवाया है। प्रधानमंत्री 25 दिसंबर को दिन के 12 बजे किसानों को संबोधित करेंगे।
मैं बैंकों को धन्यवाद देना चाहता हूं उन्होंने कोविड के दौरान मोदी जी के अभियान को गंभीरता से लिया और 1 करोड़ से ज्यादा नए किसानों को KCC के अंतर्गत लेकर आने का काम किया: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर https://t.co/FhDFKKlw1k
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 23, 2020
तोमर ने यह भी कहा कि एमएसपी को परिभाषित करने की दृष्टि से कई बातें हम सभी के मन में हैं, किसान नेताओं और किसानों के मन में भी हैं। कुछ सुधार हुए हैं और बहुत से सुधार अभी कृषि क्षेत्र में किए जाने हैं। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड वाजपेयी जी के कार्यकाल में शुरू हुआ, अबतक छह लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रवाह कृषि क्षेत्र में होता था, मोदी सरकार ने इसे बढा कर 15 लाख करोड़ रुपये कर दिया।