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राष्ट्रीय

27 को किसानों के थाली पीटने से डरी सरकार, मोदी अब किसानों को करेंगे संबोधित, खाते में डालेंगे पैसे

Janjwar Desk
23 Dec 2020 6:31 PM IST
27 को किसानों के थाली पीटने से डरी सरकार, मोदी अब किसानों को करेंगे संबोधित, खाते में डालेंगे पैसे
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(पांच दिसंबर 2020 को लक्षद्वीप में प्रफुल्ल पटेल को प्रशासन ने नियुक्त किया गया था।)
प्रधानमंत्री अपने 27 दिसंबर के मन की बात संबोधन के पहले 25 दिसंबर को वाजपेयी जयंती के दिन किसानों को संबोधित करेंगे और उनके खाते में किसान सम्मान निधि के पैसे ट्रांसफर करेंगे...

जनज्वार। पिछले करीब एक महीने से जारी किसान आंदोलन को वार्ता व समन्वय के रास्ते सुलझाने के बजाय अब मोदी सरकार ने नयी रणनीति तैयार की है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जयंती के मौके पर 25 दिसंबर को केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि के 18 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में डालने का निर्णय लिया है और इसके साथ ही इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के किसानों को संबोधित करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को इसकी जानकारी मीडिया को दी।

नरेंद्र सिंह तोमर ने सरकार द्वारा किसानों का आक्रोश कम करने के लिए बनाए गए प्लान की विस्तृत जानकारी दी। मालूम हो कि किसान संगठनों ने 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान थाली पीटने आह्वान किया है। किसानों ने देशवासियों से भी ऐसा करने की अपील की है और कहा है कि मन की बात के संबोधन के दौरान ऐसा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कृषि कानून को लेकर अपना विरोध जताएंगे।

कृषि मंत्री ने कहा कि 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को भारत सरकार सुशासन दिवस के रूप में मनाती है। इस बार सुशासन दिवस के मौके पर नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। तोमर ने कहा कि पिछली शाम तक दो करोड़ किसानों ने खुद का निबंधन आॅनलाइन माध्यम से इस योजना के लिए करवाया है। प्रधानमंत्री 25 दिसंबर को दिन के 12 बजे किसानों को संबोधित करेंगे।

तोमर ने यह भी कहा कि एमएसपी को परिभाषित करने की दृष्टि से कई बातें हम सभी के मन में हैं, किसान नेताओं और किसानों के मन में भी हैं। कुछ सुधार हुए हैं और बहुत से सुधार अभी कृषि क्षेत्र में किए जाने हैं। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड वाजपेयी जी के कार्यकाल में शुरू हुआ, अबतक छह लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रवाह कृषि क्षेत्र में होता था, मोदी सरकार ने इसे बढा कर 15 लाख करोड़ रुपये कर दिया।

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