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Gujarat Election News: अबकी बार गुजरात में आदिवासी वोट बैंक नजर आ रहा भाजपा के साथ, जानिये क्या हैं कारण

Janjwar Desk
3 Dec 2022 7:25 AM GMT
Gujarat Election News: अबकी बार गुजरात में आदिवासी वोट बैंक नजर आ रहा भाजपा के साथ, जानिये क्या हैं कारण
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Gujarat Election News: गुजरात का दाहोद जिला बहुत पिछड़ा हुआ इलाका है। आप इसे गुजरात का कालाहांडी मान सकते हैं। गरीब, कुपोषित और अनपढ़ लोगों की भरमार है। लगता है लोग तंबाकू (तम्बाकू, चूना और सूपाडी का mix) और चाय पर दिन बिता देते हैं।

Gujarat Election News: गुजरात का दाहोद जिला बहुत पिछड़ा हुआ इलाका है। आप इसे गुजरात का कालाहांडी मान सकते हैं। गरीब, कुपोषित और अनपढ़ लोगों की भरमार है। लगता है लोग तंबाकू (तम्बाकू, चूना और सूपाडी का mix) और चाय पर दिन बिता देते हैं। आदिवासी बहुल इलाका है, लेकिन बातचीत में सब खांटी हिंदू हैं। यहां आदिवासी इलाकों में बीजेपी को बंपर वोटिंग की क्या वजह है- यह समझने की कोशिश की गई। दरअसल, गुजरात विधानसभा का पूरा चुनाव नरेंद्र मोदी की उस प्रायोजित छवि के इर्द-गिर्द घूम रहा है, जिसके बारे में जनता के बीच चालाकी से यह स्थापित किया गया है कि वह इस राज्य को बहुत कुछ देना चाहते हैं, लेकिन यहाँ के भ्रष्ट BJP नेताओं और नौकरशाहों के कारण वह सब जनता तक नहीं पहुँच रहा।

नरेंद्र मोदी के बारे में यह धारणा बनाई गई है कि वह गुजरात की जनता को बहुत कुछ देना चाहते हैं। उनकी तरफ से कोई कमी नहीं है। इस प्रायोजित छवि निर्माण का एक फायदा यह है कि पूरी की पूरी गुजरात भाजपा सिर्फ नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे कर गुजरात का चुनाव लड़ रही है। राज्य सरकार और गुजरात बीजेपी के नेता मतलब शून्य। जनता की निगाह मे सब भ्रष्ट हैं। सब मोदी को ही जानते हैं।

ऐसी छवि से इस चुनाव में गुजरात की इस भाजपा सरकार के किए गए कामों पर कोई बहस नहीं हो पा रही है और उसके द्वारा फैलाए गए भ्रष्टाचार पर भी मोटा पर्दा पड़ गया है। हालांकि जनता के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि जब नरेंद्र मोदी उनके लिए पैसा भेजते हैं तो अंतिम व्यक्ति तक उसकी डिलीवरी सुनिश्चित क्यों नहीं करते? उन्हें यह क्यों पता नहीं है कि उनके ही नेता यहां भयानक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं? इन सवालों के जवाब में यहां अक्सर कहा जाता है कि वह गुजरातियों के हित में सोचते तो हैं? यही क्या कम है? फिर मोदी जी गुजरात का गौरव हैं। हिन्दू गौरव हैं। हम उन्हें कमजोर नहीं होने देंगे। हम उन्हें इसलिए वोट देंगे।

दरअसल इन सब प्रायोजित नैरेटिव के बहाने, नरेंद्र मोदी के गुजरात की अस्मिता के प्रतिनिधि होने के बहाने जनता के बुनियादी सवालों पर बीजेपी को सेफ पैसेज मिल जाता है, जो लूट सत्ता और बीजेपी करती है उस पर चुनाव मे कोई बात ही नहीं हो पाती। कुल मिलाकर, यहाँ जो चल रहा है वो है- मोदी ही गुजरात और हिन्दुओं की अस्मिता का प्रतीक हैं और उनके कमजोर होने का मतलब देश में गुजरात और हिन्दू अस्मिता का खत्म होना है। यही लाइन बीजेपी के सारे भ्रष्टाचार और अपराधों को छिपा ले रही है। इसको चुनाव में नकारना होगा और इसके लिए सिर्फ एक ही रास्ता है कि नरेंद्र मोदी ने जितने आर्थिक फैसले लिए उससे देश को जितना नुकसान हुआ उसे जनता के सामने रखने का साहस करना। नरेंद्र मोदी के ईमानदार होने की सारी छवि उसी दिन सवालों में आ जाएगी और भाजपा यहां कमजोर होना शुरू हो जाएगी। यहाँ के विपक्ष को यह साहस करना होगा। अन्य कोई विकल्प नहीं है।

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