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गुजरात चुनाव में लाभ लेने के लिए BJP ने दबाव बनाकर समय से पहले खुलवा दिया Morbi Bridge, फिर ब्लैक में बेचे मौत के टिकट

Janjwar Desk
31 Oct 2022 5:18 PM IST
Morbi Bridge Collapse : मोरबी ब्रिज ने ताजा कर दीं देश के इन बड़े पुल हादसों की यादें, जब मौत के पुल ने डूबा दीं कई जिंदगियां
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Morbi Bridge Collapse : मोरबी ब्रिज ने ताजा कर दीं देश के इन बड़े पुल हादसों की यादें, जब 'मौत के पुल' ने डूबा दीं कई जिंदगियां

Morbi Bridge Tragedy: आज सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टैचू ऑफ यूनिटी के कार्यक्रम में बैंड बाजों के साथ शामिल हुए। मोरबी में हुई इतनी बड़ी दुर्घटना के लिए 2 लाइनें बोलकर अपना आगे का भाषण चुनाव संबंधित बोलते रहे...

Morbi Bridge Tragedy: मोरबी में दुर्घटना को आमंत्रित किया गया और 1 साल के बाद खुलने वाले ब्रिज को समय से पहले खोला गया। पुल की रिपेयरिंग में 1 साल का वक्त लगना था, लेकिन 6 महीनों में ही यह ब्रिज जनता के लिए खोल दिया गया। वजह यह बताई जा रही है कि गुजरात में चुनाव होने के कारण इस ब्रिज का भी चुनाव में लाभ लेने के लिए भाजपा ने जल्दी चालू करने का दबाव बनाया था। पिछले 3 दिन से यह ब्रिज खुला तब से ही ब्रिज पर जाने की टिकट ब्लैक में मिलने की बातें बाहर आ रही है।

मौत का टिकट ₹17 वाला ब्लैक में ₹50 में बिकता हुआ पाया गया। कांट्रेक्टर के मुताबिक उन्होंने हर दिन 210 टिकट ही बेचे हैं, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दुर्घटना के समय ब्रिज के ऊपर 500 से ज्यादा लोग मौजूद थे। अब यह बात कितनी सच्ची है वह तो तफ्तीश में बाहर आएगा। लेकिन सिर्फ 210 टिकट बिके थे तो 500 लोग कहां से आए?

दूसरी तरफ आज सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टैचू ऑफ यूनिटी के कार्यक्रम में बैंड बाजों के साथ शामिल हुए। मोरबी में हुई इतनी बड़ी दुर्घटना के लिए 2 लाइनें बोलकर अपना आगे का भाषण चुनाव संबंधित बोलते रहे। जिसमें राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में आज भारत भर में 75000 एकता दौड़ें होने की जानकारी दी। इस जगह मुफ्त वैक्सीन की बात करना, उज्ज्वला योजना की बात करना, शौचालय की बात करना ताली-थाली बजाने की बात करना, मुफ्त दवाई-मुफ्त राशन और वैक्सीन की बात करना कहीं से भी उचित नहीं समझा जा सकता।

लेकिन चुनाव जीवी हमेशा चुनाव के मूड़ में रहते हैं ऐसा विपक्ष का आरोप है जबकि शाम को बनासकांठा के थराद में प्रधानमंत्री बड़ी जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। कई लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री को मोरबी दुर्घटना में मरे हुए लोग और घायल लोगों से कोई मतलब नहीं है, वह सिर्फ अपना चुनाव अभियान आगे बढाए जा रहे हैं। जबकि, गुजरात के एक हिस्से में 150 से 190 लोगों की मृत्यु हो जाती है तभी गुजरात के दूसरे हिस्से में प्रधानमंत्री बैंड बाजों के साथ उत्सव मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसे लेकर बड़ी आलोचना हो रही है।

दूसरी तरफ आज गुजरात में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा भी शुरू होने वाली थी लेकिन इतना भयानक हादसा होने के बाद कांग्रेस ने अपनी परिवर्तन यात्रा स्थगित कर दी है। कांग्रेस का यह कहना है कि जो चुनाव जीवी है वह तो 365 दिन चुनाव का ही विचार करते हैं उनको जनता से कोई सरोकार नहीं। जनता की समस्याओं से भी कोई सरोकार नहीं और जनता की जान की कीमत भी उनके पास कुछ नहीं। गुजरात के मुख्यमंत्री गृहमंत्री समेत कई नेता मोरबी में मौजूद हैं, लेकिन जनता का यह मानना है कि यह सारी कार्यवाही सांप निकलने के बाद लकीर पीटने के समान है।

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