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Gyanvapi Mosque Row : ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई पूरी, कल आएगा हाईकोर्ट का फैसला

Janjwar Desk
11 May 2022 1:13 PM GMT
Gyanvapi Mosque Row : ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई पूरी, कल आएगा हाईकोर्ट का फैसला
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Gyanvapi Mosque Row : ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई पूरी, कल आएगा हाईकोर्ट का फैसला

Gyanvapi Mosque Row : ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुनवाई पूरी हो गई है, सुनवाई करने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है...

Gyanvapi Mosque Row : ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुनवाई पूरी हो गई है। बता दें कि आज बुधवार 11 मई को सुनवाई करने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कल यानि कि गुरुवार 12 मई को दोपहर 12 बजे कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी व अन्य विग्रहों के सर्वे कराने और अधिवक्ता आयुक्त को हटाने के मामले में न्यायलय में दोनों पक्ष के वकीलों ने दलीलें पेश की हैं।

बात दें कि सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल प्रति आपत्ति में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया कि सर्वे के जरिए साक्ष्य सबूत एकत्र नहीं किए जा सकते। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी ओर से पांच अधिवक्ता हैं, जबकि सर्वे में दो ही अधिवक्ताओं को प्रवेश की अनुमति दी गई। जबकि वादी पक्ष के 12 वकील अंदर मौजूद थे।

श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी को बताया अलग-अलग

बता दें कि कोर्ट में कहा गया कि शृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद अलग-अलग हैं। ऐसे में मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी का कोई औचित्य नहीं है। वादी पक्ष ने इस आवेदन पर विपक्षी गणों पर न्यायालय के कार्य में बाधा डालने और जिला प्रशासन पर कोर्ट के आदेश के अनुपालन में रुचि नहीं लेने का आरोप लगाया।

वादी पक्ष के कथन और तर्क को बताया बेबुनियाद

गौरतलब है कि इससे पहले बीते मंगलवार दोपहर बाद शुरू हुई न्यायालय की कार्यवाही में वादी पक्ष की आपत्ति पर प्रति आपत्ति में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कहा था कि वादी पक्ष के समस्त कथन और तर्क बेबुनियाद, अर्थहीन और विधि के खिलाफ हैं। आराजी नंबर 9130 का कमीशन कार्यवाही में जिक्र है, लेकिन क्षेत्रफल, मौजा, चौहद्दी का जिक्र नहीं है।

आराजी के साथ पांच कोस जमीन और आदि विशेश्वर मूर्ति का वर्णन

साथ ही कहा गया था कि वाद पत्र में आराजी के साथ पांच कोस जमीन और आदि विश्वेश्वर मूर्ति का वर्णन हैं, ऐसे में कमीशन की कार्यवाही कहां तक होगी, यह नहीं बताया गया है। इस आराजी के सीमांकन के बाद कमीशन की कार्यवाही की बात को नजरअंदाज किया गया। मौके पर उपलब्ध वस्तुओं को उंगली से खुरचने का भी खंडन नहीं किया गया।

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