मैं तब इस्तीफा दे दूंगा, जब किसानों को एमएसपी नहीं दिलवा सकूंगा : दुष्यंत चौटाला
जनज्वार। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसानों के आंदोलन पर खुद के इस्तीफे की उठ रही मांग पर शुक्रवार को कहा कि वे तब इस्तीफा दे देंगे जब वे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिलवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के अध्यक्ष ने पहले ही सुनिश्चित किया था कि किसनों की एमएसपी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों को दिए गए लिखित प्रस्ताव में एमएसपी का उल्लेख भी था।
हमारी पार्टी अध्यक्ष ने पहले ही स्पष्ट किया था कि किसानों को MSPसुनिश्चित किया जाए।कल केंद्रीय सरकार द्वारा दिए गए लिखित प्रस्ताव में MSPशामिल थी।जब तक हम सरकार में हैं तब तक हम किसानों को MSP सुनिश्चित करेंगे।अगर मैं नहीं कर पाया तो मैं इस्तीफा दे दूंगा:दुष्यंत चौटाला,JJP(10.12) pic.twitter.com/NO965udVIi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2020
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वे किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करवाएंगे और अगर ऐसा नहीं कर सकेंगे तो उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। चौटाला परिवार की पहचान किसानों की राजनीति करने वाले परिवार की है और पंजाब और हरियाणा के किसान ही प्रमुख रूप से कृषि आंदोलन में शामिल हैं। ऐसे में किसानों की राजनीति करने वाले दुष्यंत चौटाला से उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग उठ रही है।
दुष्यंत चौटाला इसको लेकर अपने पार्टी विधायकों के साथ बैठक भी कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आठ दिसंबर को हुई इस बैठक में कई विधायकों ने चौटाला से सरकार से अलग होने का आग्रह किया।
90 सदस्यीय हरियाणा विधान सभा में भाजपा की मनोहर खट्टर सरकार चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी के 10 विधायकों के समर्थन के बूते बहुमत में है। अगर वे सरकार से अलग होते हैं तो भाजपा सरकार गिरने की संभावना उत्पन्न हो जाएगी। भाजपा के पास राज्य में 40 विधायक हैं जो बहुमत से छह कम है।
भारतीय जनता पार्टी सूबों में अपनी सरकार को बनाए रखने को लेकर ही नहीं बल्कि दूसरे दलों में भी उलट-फेर के जरिए सरकार बनाने को लेकर सक्रिय रही है और ऐसे में वह किसी सूरत में राज्य में सत्ता नहीं खोना चाहेगी।
ऐसे में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी दुष्यंत चौटाला के संपर्क में है और हर ओर से सुलह का प्रयास किया जा रहा है।