#HoneyFraud पतंजलि, डाबर, झंडु के शहद में कोल्ड ड्रिंक से भी खतरनाक मिलावट, CSE की जांच में दावा
जनज्वार। देश की पतंजलि सहित कई शीर्ष आयुर्वेद कंपनियों के शहद में मिलावट पायी गई है। वे इस संबंध में की गई जांच में विफल पायी गई हैं और उनमें चीनी की मिलावट पायी गई है। सेंटर फाॅर साइंस एंड एनवायरमेंट ने 13 कंपनियों के शहद की हाल ही में जांच की और इनमें 77 प्रतिशत तक मिलावट पायी गई। सीएसइ ने कुल 22 सेंपल्स की जांच की जिसके बाद यह कहा गया है कि 2006 में साॅफ्ट ड्रिंक जांच के दौरान जो मिलावट पायी गई थी, उससे भी खतरनाक मिलावट शहद में हो रही है।
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सीएसइी की जांच के आधार पर कहा गया है कि पतंजलि, डाबर, झंडू, एपिस हिमालय व हितकारी जैसी कंपनियों के शहद शुद्धता मापने वाले न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस टेस्ट में फेल हो गए। हालांकि सीएसइी की इस जांच रिपोर्ट पर पतंजलि और डाबर ने सवाल उठाया है। इन्होंने कहा है कि इस जांच का उद्देश्य हमारी कंपनी के ब्रांडस की छवि खराब करना है और यह प्रायोजित लगता है।
EXPOSE by @CSEINDIA: #HoneyFraud by top brands in India. pic.twitter.com/1OBjt9LV68
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इन कंपनियों का दावा है कि वे भारत में प्राकृतिक तौर पर मिलने वाले शहद को इकट्ठा करती हैं और उसी की पैकेजिंग व बिक्री करती हैं।
सीएसइ की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा है कि 2003 व 2006 में साॅफ्ट ड्रिंक की जांच के दौरान जो मिलावट पायी गई थी उससे भी खतरनाक मिलावट इन टाॅप ब्रांड शहद में पायी गई। उन्होंने कहा कि 13 बड़े ब्रांड की जांच हुई जिनमें 10 एनएमआर टेस्ट में फेल हुए हैं। इन दस में तीन भारतीय मानकों के अनुरूप भी नहीं थे। मालूम हो कि भारत से निर्यात किए जाने वाले शहद के लिए एक अगस्त से एनएमआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
पतंजलि के एमडी बालकृष्ण ने क्या कहा?
पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने सीएसइ की जांच को खारिज करते हुए कहा है कि हम 100 प्रतिशत प्राकृतिक शहद तैयार करते हैं, यह भारत में तैयार किए जाने वाले प्राकृतिक शहद के उद्योग को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य प्रोसेस्ड शहद को मार्केट को विस्तार देना है। उन्होंने कहा है कि हम फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथाॅरिटी-एफएसएसएआइ के मानकों का ख्याल रखते हैं।
उधर, डाबर के प्रवक्ता ने कहा है कि उनका उत्पाद 100 प्रतिशत शुद्ध है और जर्मनी में हुए एनएमआर टेस्ट में पास हुआ है। डाबर ने कहा है कि हम एफएसएसएआइ के 22 मानकों को पूरा करते हैं और यह रिपोर्ट प्रायोजित लगती है।
वहीं, झंडु के स्वामित्व वाली कंपनी इमामी ने भी रिपोर्ट को खारिज करते हुए दावा किया है कि वह एफएसएसएआइ के मानकों को पूरा कर अपना उत्पाद तैयार करती है।