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सेना में फैला भारी भ्रष्टाचार, आर्मी प्रमुख विपिन रावत ने जांच में ढिलाई पर कहा हम शर्मिंदा हैं!

Janjwar Desk
15 Oct 2020 9:06 AM GMT
सेना में फैला भारी भ्रष्टाचार, आर्मी प्रमुख विपिन रावत ने जांच में ढिलाई पर कहा हम शर्मिंदा हैं!
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CDC  जनरल विपिन रावत (File photo)

सेना के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत ने तीनों सेनाओं के सैन्य प्रमुखों से पूछा है कि ऐसे आरोपों पर कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है, सेना से जुड़े निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने से हम शर्मिंदा हैं....

जनज्वार। किसी सेना में अगर भ्रष्टाचार और अनियमितता के मामले सामने आने लगें और रक्षा सौदों में गड़बड़ी की खबरें सुर्खियां बनने लगे, तो देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो जाते हैं। सीडीसी जनरल विपिन रावत के तीनों सैन्य प्रमुखों को लिखे गए पत्र से ऐसी आशंकाएं सामने आ रहीं हैं।

सेना के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत ने तीनों सेनाओं के सैन्य प्रमुखों से पूछा है कि ऐसे आरोपों पर कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने थल, नभ और वायु सेना चीफ को पत्र लिखकर कहा है कि सेना से जुड़े निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने से हम शर्मिंदा हैं। इसके साथ ही सैन्य निर्माणों में भ्रष्टाचार का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत ने सैन्य प्रमुखों को लिखे अपने पत्र में मुख्य सतर्कता आयुक्त के उन सवालों का जिक्र किया है जिनमें जवानों के लिए बनाए जा रहे आवासीय परिसरों की दुर्दशा की बात कही गई है।

पिछले महीने लिखे अपने पत्र में सीडीसी ने कहा है कि मुख्य सतर्कता आयुक्त के सवाल उठाने के बाद हम शर्मिंदा हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या जबाब दें। उन्होंने सैन्य प्रमुखों को निर्देश भी दिया है कि इन मामलों की त्वरित जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित किया जाय।

जनरल रावत के इस पत्र में मैरिड अकोमोडेशन प्रोजेक्ट के कई मामलों को उल्लेख किया गया है। पत्र में कहा गया है कि सीवीसी द्वारा मेरठ के एक प्रोजेक्ट को लेकर इस तरह के सवाल उठाए गए थे। वैसे अपने पत्र में जनरल रावत ने देशभर में चल रहे मैरिड अकोमोडेशन प्रोजेक्ट्स को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कीं हैं।

पत्र में उन्होंने दिल्ली में सलारिया एन्क्लेव का जिक्र किया है, जिसके फ्लैट तीनों सेनाओं के लिए है। अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि यह परिसर रहने लायक नहीं लगता। उन्होंने कोलकाता की दो अन्य इमारतों का उल्लेख भी किया है।

हालांकि सेना से जुड़ी अनियमितताओं और रक्षा खरीद सौदों में गड़बड़ी के आरोप पहले भी सामने आते रहे हैं। रक्षा खरीद में भ्रष्टाचार को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी सुर्खियां बनते रहे हैं, पर ऐसा पहली बार हुआ है कि सैन्य निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर मुख्य सतर्कता आयुक्त ने सवाल उठाए हैं और उसके बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने तीनों सेनाओं के सैन्य प्रमुखों को इस तरह से पत्र लिखकर कार्रवाई का आदेश देते हुए खुद शर्मिंदा होने की बात कही हो।

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