High Court News : यूज एंड थ्रो का कल्चर समाज को पड़ेगा भारी, लिव इन रिलेशन को चुनने लगे युवा
पर्सनल लॉ की आड़ में नाबालिग से संबंध बनाकर बच निकलना मुश्किल, ऐसा करना पॉक्सों के दायरे से बाहर नहीं : केरल हाईकोर्ट
High Court News : आजकल तलाक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लोग छोटी मोटी लड़ाई मसलों को लेकर तलाक जैसे फैसले ले लेते हैं। नई पीढ़ी में यह ज्यादा देखा गया है। शादीशुदा जोड़े जल्दबाजी में तलाक के लिए कोर्ट में याचिका डाल देते हैं। ऐसे ही एक तलाक के मामले में सुनवाई करने के दौरान केरल हाईकोर्ट ने नई पीढ़ी के युवाओं पर टिप्पणी की है। केरल हाई कोर्ट ने नई पीढ़ी के युवाओं को लेकर कहा कि आजकल युवाओं का अपनी मर्जी से जीवन यापन करना, मुक्त जीवन जीने का आनंद लेने का कल्चर और शादी से परहेज कर लिव इन रिलेशन में रहना समाज के लिए भारी पड़ेगा। केरल उच्च न्यायालय ने यूज एंड थ्रो संस्कृति की निंदा करते हुए 51 वर्षीय व्यक्ति की तलाक याचिका को खारिज कर दिया है।
विवाह को बोझ समझती है नई पीढ़ी
कोर्ट ने कहा की नई पीढ़ी के लिए विवाह एक बोझ बन गया है। लिव इन रिलेशन का कल्चर बढ़ता जा रहा है। यह समाज की अंतरात्मा पर लकीरे खींचता है। अदालत ने कहा कि आजकल युवा पीढ़ी को लगता है कि अगर वे शादी के बंधन में बंधते हैं तो उनकी आजादी छिन सकती है।
बढ़ता जा रहा है लिव इन रिलेशनशिप का कल्चर
कोर्ट ने कहा कि यूज एंड थ्रो के कल्चर ने हमारे वैवाहिक संबंधों को भी प्रभावित किया है। समाज में लिव-इन रिलेशनशिप बढ़ रही है। जस्टिस ए मोहम्मद मुस्ताक और सोफी थॉमस की एक डिवीजन बेंच ने 24 अगस्त को तलाक के मामले में फैसला सुनाते हुए कथित वैवाहिक क्रूरता पर तलाक की अपील को खारिज कर दिया है।
केरल की संस्कृति हो रही खराब
एक व्यक्ति 2018 में अपनी पत्नी से अलग हो गया था। उसने अपनी पत्नी से तलाक के लिए कोर्ट में याचिका डाली थी। जिसकी जांच करते हुए केरल हाई कोर्ट ने कहा कि केरल कभी अपने अच्छे पारिवारिक संबंधों को लेकर जाना जाता था लेकिन अब इसकी संस्कृति भी खराब हो रही है।
केरल के ट्रेंड में हो रहा बदलाव
जस्टिस मोहम्मद मुस्तक और सोफी थॉमस की बेंच ने कहा कि कभी केरल को ईश्वर की धरती कहा जाता था। यहां परिवारों के बीच संबंध हमेशा अच्छे पाए जाते थे और लोग यहां का उदहारण दिया करते थे। लेकिन यहां के ट्रेंड में भी अब बदलाव देखने को मिल रहा है। आज के हालात में छोटे फायदों और स्वार्थी कारणों के चलते विवाह के बाद तलाक लेने का ट्रेंड हो गया है।
अपने बच्चों की परवाह किए बिना ले लेते हैं तलाक
केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि तलाक ट्रेंड ऐसा चला है कि लोग अपने बच्चों की परवाह किए बगैर तलाक ले लेते हैं। अदालत ने आगे कहा कि अब झगड़ा करने वाले शादीशुदा जोड़े, लाचार बच्चे और हताश तलाकशुदा हमारी आबादी में बढ़ने लगते हैं तो इससे हमारे सामाजिक जीवन की शांति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।इससे हमारे समाज का विकास रुक जाएगा।