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Idea of India : कौन हैं कैंब्रिज विश्वविद्याल में राहुल गांधी से पंगा लेने वाले IRTS अधिकारी सिद्धार्थ वर्मा?

Janjwar Desk
26 May 2022 2:30 PM IST
Idea of India : कौन हैं कैंब्रिज विश्वविद्याल में राहुल गांधी से पंगा लेने वाले IRTS अधिकारी सिद्धार्थ वर्मा?
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Idea of India : कॉमनवेल्थ स्कॉलर सिद्धार्थ वर्मा के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भारत को राज्यों के संघ के रूप में बताने वाला विचार विनाशकारी है।

Idea of India : तीन दिन पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने इंग्लैंड की कैंब्रिज विश्वविद्याल में आयोजित आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम में भारत को राज्यों का एक संघ बताया था। उनका ये बयान सुर्खियों में रहा। उनके इस बयान पर टीका टिप्पणी खूब हुई, लेकिन 31 वर्षीय भारतीय रेलवे यातायात सेवा (इंडियन रेलवे ट्रांसपोर्ट सर्विस- आईआरटीएस) के अधिकारी और कैंब्रिज के स्कॉलर सिद्धार्थ वर्मा ( Siddharth Verma ) ने वहीं पर इसका खुलकर विरोध किया था।

द प्रिंट से बातचीत में सिद्धार्थ वर्मा ने कहा कि कैंब्रिज विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में राहुल गांधी को भारत के बारे में उनके विचार आईडिया ऑफ इंडिया ( Idea of India ) को लेकर मैंने चुनौती दी थी। जब मैंने ऐसा किया तो कार्यक्रम में शामिल लोगों ने मेरे हस्तक्षेप का विरोध यिका। यहां तक कि मुझे कार्यक्रम के दौरान हंसी का पात्र भी बनना पड़ा।

कैंब्रिज स्कॉलर सिद्धार्थ वर्मा ( IRTS Officer Siddharth Verma ) ने यह तर्क देते हुए एक वीडियो कि 'भारत' एक प्राचीन 'राष्ट्र' है, न कि कोई ऐसा देश जिसे राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने 'राज्यों का संघ' कहा है, अब वायरल हो गया है। वायरल वीडियो में राहुल गांधी के विचारों को विरोध करने की वजह से सोशल मीडिया यूजर्स मेरा समर्थन और पीठ भी थपथपाई है। कॉमनवेल्थ स्कॉलर सिद्धार्थ वर्मा ने कहा कि उन्होंने भारत के बारे में राहुल गांधी के विचारों को समझने के लिए ही उनसे सवाल किये थे।

मैं, राहुल गांधी के बयानों से हैरान था?

उन्होंने ( IRTS Officer Siddharth Verma ) कहा - मैं राहुल गांधी के बार-बार के इन बयानों से हैरान था, जिसमें उन्होंने दावा किया गया था कि 'भारत राज्यों का एक संघ' है, न कि एक समग्र राष्ट्र। उन्होंने इस तरह की बातें लंदन के एक कार्यक्रम में पहली बार नहीं कही थी। मैं यह समझने की कोशिश कर रहा था कि वह ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसके पीछे क्या कारण है और वह राष्ट्रीयता के विचार को मानने से क्यों इनकार कर रहे हैं। दरअसल, राहुल गांधी ने तीन दिन पहले कैंब्रिज विश्वविद्यालय के कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज में 'इंडिया एट 75' नामक एक पारस्परिक वार्तालाप वाले सत्र (इंटरैक्टिव सेशन) को संबोधित करते हुए ये बात कही थी।

राहुल ने माना - मुझे आपके आइडिया से कोई आपत्ति नहीं है

आईआरटीएस अधिकारी वर्मा राहुल गांधी के नजरिये पर विवाद खड़ा करते हुए कहा कि एक राजनेता के रूप में भारत के बारे में उनका यह विचार 'त्रुटिपूर्ण', 'गलत' और 'विनाशकारी' है। उनके विचार ने हजारों वर्षों के भारत के इतिहास पर लीपापोती करने की कोशिश की है।

वर्मा ( Siddharth Verma ) ने दि प्रिंट को बताया कि राहुल गांधी ने वास्तव में यह कहा था कि भारत के बारे में ये दोनों तरह के विचार सह-अस्तित्व में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाद में राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें मेरे 'आइडिया ऑफ इंडिया' से कोई समस्या नहीं है, इसलिए मुझे भी उनके 'आइडिया ऑफ इंडिया' से कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

कैंब्रिज के स्रोता मेरे विचार से सहमत नहीं थे

सिद्धार्थ वर्मा ( Siddharth Verma ) ने कहा कि कैंब्रिज के श्रोतागण मेरे विचारों से सहमत नहीं थे। इसके बावजूद मुझे सोशल मीडिया पर भारी समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि जब मैं अपना प्रश्न पूछ रहा था, उस समय साक्षात्कारकर्ता और आसपास के दर्शकों की तरफ से तत्काल प्रतिक्रियाएं आईं। स्रोतागण राहुल गांधी का विरोध करने पर उत्तेजित हो गए जैसे मैंने कुछ गलत किया हो। वे मेरे 'भारत' के विचार से सहमत नहीं थे और उनकी प्रतिक्रिया नकारात्मक थी।

संविधान राष्ट्र नहीं बनाता, राष्ट्र बनाते हैं संविधान

आइडिया ऑफ इंडिया ( Idea of India ) कार्यक्रम में अकादमिक विद्वान श्रुति कपिला को यह कहते हुए सुना गया कि राष्ट्र शब्द का अर्थ होता है किंगडम यानि राजा का राज्य जिस पर वर्मा ने उत्तर दिया कि यह किसी देश के लिए प्रयुक्त होने वाला संस्कृत का शब्द है। गांधी ने इसी में अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि राष्ट्र एक पश्चिमी अवधारणा है। इस बीच कार्यक्रम में तब और भी हलचल मच गई जब वर्मा ने कहा कि कोई संविधान किसी राष्ट्र को नहीं बना सकता, राष्ट्र संविधान बनाते हैं।

मैं, गांधी का मकसद नहीं समझ पाया

राहुल गांधी के बयान को लेकर कैंब्रिज स्कॉलर वर्मा ने कहा कि मैं उनका मकसद नहीं समझ पाया लेकिन मुझे लगता है कि भारत के प्राचीन इतिहास पर लीपापोती करने का प्रयास किया गया है। आजादी से पहले के भारत को नकारने की कोशिश भी हो रही है। वो सिर्फ आजादी के बाद के इसके गठन की ही बात करते हैं। यदि कोई संविधान को ठीक से पढ़ता है तो इसकी प्रस्तावना में ही कहा गया है कि भारत एक राष्ट्र है।

प्राचीन भारत के इतिहास को लेकर जागरूकता की कमी

हकीकत यह है कि भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में जागरूकता की कमी है। मुझे लगता है कि भारतीय इतिहास को प्राचीन भारत पर थोड़ा और ध्यान देना चाहिए। वर्मा ( Siddharth Verma ) का कहना है कि हर एक देशभक्त को भारतीय मूल्यों का सम्मान करना चाहिए। बता दें कि इससे पहले 2 फरवरी को लोकसभा में दिए गए उस भाषण के लिए भी राहुल गांधी की काफी आलोचना हुई थी, जब उन्होंने केंद्रीकरण को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत को भारतीय संविधान में राज्यों के संघ के रूप में वर्णित किया गया है, न कि एक राष्ट्र के रूप में।

कौन हैं सिद्धार्थ वर्मा?

सिद्धार्थ वर्मा इंग्लैंड की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में 'पब्लिक पालिसी' (सार्वजनिक नीति) में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। वह इस समय अपनी नौकरी से छुट्टी लेकर कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अध्ययन अवकाश पर हैं।

आईआरटीएस अधिकारी वर्मा संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में बैठने से पहले कॉलेज स्तर पर राजनीति विज्ञान और इतिहास का अध्ययन कर चुके हैं। आईआरटीएस के 2016-बैच के अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने उत्तर रेलवे में वाराणसी के क्षेत्रीय अधिकारी और लखनऊ में मंडल अधिकारी (संचालन) के रूप में सेवा प्रदान की है।

कोविड लॉकडाउन के दौरान उन्हें तीन महीने के लिए उत्तर प्रदेश से प्रवासी मजदूरों की आवाजाही की निगरानी के लिए एक विशेष अधिकारी के रूप में उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के तहत संलग्न कर दिया गया था। कैंब्रिज में अपना छात्रवृत्ति कार्यक्रम जल्द ही पूरा होने वाला है। इसके बाद वह अपनी सेवा में फिर से शामिल हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले वर्मा ने अपने ट्विटर बायो में खुद को कॉमनवेल्थ स्कॉलर, 'सिविल सर्वेंट' और 'देशभक्त' बताया है। हालांकि, उन्होंने ये भी लिखा हे कि मेरी देशभक्ति से किसी राजनीतिक दल का कोई लेना देना नहीं है।

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