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जनज्वार की खबर का असर.. हेरिटेज लाइट की मरम्मत का काम शुरू

Janjwar Desk
1 Oct 2022 12:00 PM GMT
जनज्वार की खबर का असर.. हेरिटेज लाइट की मरम्मत का काम शुरू
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Janjwar Impact : नगर निगम के पीआरओ संदीप ने बताया कि मरम्मत के लिए सूची बना ली गई गई है, दो दर्जन से अधिक टीमें शहर में लगाई गई हैं, जो हेरिटेज लाइट में से जिनसे उजाला नहीं हो रहा था, इनकी मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है...

Janjwar Impact : काशी में केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना हृदय के तहत लगाई गईं हजारों की तादात में हेरिटेज लाइट्स उचित देखभाल और मरम्मत के अभाव में खराब हो गई थीं। मरम्मत नहीं किये जाने से दर्जन भर से अधिक गलियों, चौराहों, बाजारों, सड़कों और घाट किनारे अंधेरा पसरा रहता था। इस अंधेरे की वजह से नागरिकों को आवागमन में दिक्कत होती थी। वहीं, अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व भी अपराधिक घटनाओं जैसे- महिलाओं से छेड़छाड़, लूट, चेन स्नैचिंग और मारपीट को अंजाम देते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हेरिटेज लाइट्स की बदहाली पर 'जनज्वार' ने 28 सितंबर को 'ग्राउंड रिपोर्ट : PM मोदी के बनारस रूपी 'क्योटो' में करोड़ों रुपये की हेरिटेज लाइट्स बर्बाद, कौन देगा जवाब' शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था।

खबर के प्रकाशित होने के बाद से वाराणसी नगर निगम की आंख खुली और हेरिटेज लाइट्स के मरम्मत की कवायद शुरू कर दी। नगर निगम के पीआरओ संदीप ने बताया कि मरम्मत के लिए सूची बना ली गई गई है। दो दर्जन से अधिक टीमें शहर में लगाई गई हैं, जो हेरिटेज लाइट में से जिनसे उजाला नहीं हो रहा था। इनकी मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। आगामी एक हफ़्तों में सभी लाइट्स को दुरुस्त कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि बनारस में 26 रुपए की लागत से लगाई गई 7000 से अधिक की संख्या में हेरिटेज लाइट्स में तकरीबन छह महीने से अधिक पचास फीसदी इलाकों में पोलों पर लाइट नहीं जलती और कई जगह से तो यह लाइटिंग गायब ही हो चुकी हैं। गलियों में लगे लाइट्स पर चोरों ने हाथ साफ कर दिए हैं। बस केवल तार का जाल ही दिखाई देता है। नागरिकों का आरोप है कि हेरिटेज लाइट्स लगाने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है और दोयम दर्जे की लाइटें लगाई गई है। इससे लाइटें जल्दी ख़राब हो गई हैं। कई स्थानों पर पोल्स दरक गए हैं और बल्ब आवरण टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया है। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। लिहाजा केंद्र सरकार की फ्लैगशिप प्रोजेक्ट में शुमार ह्रदय योजना की सफलता को लेकर कई सवाल उठ रहे। वहीं, पब्लिक की नाराजगी और परेशानियों को देखते हुए अब बदहाल पड़े हेरिटेज लाइट्स की मरम्मत में जुट गया है।

आंकड़ों पर एक नजर

  • 4700 लाइटें हेरिटेज स्थलों व घाटों पर लगी हैं
  • 3600 स्ट्रीट लाइटों से जगमग होती हैं कॉलोनियों की सड़कें
  • 56 हजार रुपये एक हेरिटेज लाइट पर आता है खर्च
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