Begin typing your search above and press return to search.
झारखंड

बाबा बैद्यनाथधाम व बासुकीनाथ धाम के पट श्रद्धालुओं के लिए खोलने पर विचार करे झारखंड सरकार : सुप्रीम कोर्ट

Janjwar Desk
1 Aug 2020 2:37 AM GMT
बाबा बैद्यनाथधाम व बासुकीनाथ धाम के पट श्रद्धालुओं के लिए खोलने पर विचार करे झारखंड सरकार : सुप्रीम कोर्ट
x
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कोरोना संक्रमण के खतरों के मद्देनरज धार्मिक स्थलों को बंद रखने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले को सांसद निशिकांत दुबे ने पहले हाइकोर्ट में और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी...

जनज्वार। झारखंड के देवघर स्थित प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथधाम ज्योर्तिलिंग एवं दुमका जिला स्थित बासुकीनाथ मंदिर के कपाट सीमित संख्या में आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने पर झारखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (31 July 2020) को इस मामले में गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब देश में एक बार फिर सभी चीजें खुल रही हैं तो विशेष अवसरों पर धार्मिक स्थलों को भी सीमित संख्या में प्रवेश की अनुमति के साथ खोलने की अनुमति दी जा सकती है।

अदालत ने कहा कि वर्चुअल दर्शन वास्तविक दर्शन जैसा नहीं होता है। तीन जजों न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, बीआर गवई व कृष्ण मुरारी की पीठ ने गोड्डा के भाजपा संसद निशिकांत दुबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से कुछ सौ लोगों को इन मंदिरों में प्रवेश देने पर राज्य सरकार विचार करे।

झारखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर धार्मिक स्थलों को बंद रखने का फैसला लिया है। श्रावण मास के आगमन पर झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर कर निशिकांत दुबे ने मंदिर खोलने की मांग की थी। उन्होंने अपनी याचिका में पुरी जगन्नाथ का हवाला दिया था, जहां सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति के साथ रथयात्रा की अनुमति दी गई थी।

हालांकि हाइकोर्ट ने मंदिर खोलने की अनुमति नहीं मिली थी और कहा गया था कि राज्य सरकार व जिला प्रशासन श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन कराने का प्रबंध करे। इस समय ऑनलाइन दर्शन की सुविधा है।

याचिकाकर्ता की अपील में कहा गया कि मंदिर में पंडों को अनुमति दी रही है तो श्रद्धालुओं को क्यों नहीं। इस पर अदालत ने झारखंड सरकार के वकील सलमान खुर्शीद से सवाल किया कि इस तरह श्रद्धालुओं को अलग कैसे रखा जा सकता है। इस पर खुर्शीद ने कहा कि केवल सीमित संख्या में एक दर्जन पुजारी व स्थानीय लोग पारंपरिक पूजा के लिए अंदर जाते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर झारखंड सरकार जल्द पूर्ण लाॅकडाउन भी लगा सकती है।

पहली बार नहीं हुआ श्रावणी मेले का आयोजन

देवघर के ऐतिहासिक श्रावणी मेले का इस बार पहली बार आयोजन नहीं किया गया। ऐसा कोरोना संक्रमण की वजह से किया गया। पंडा धर्मरक्षिणी सभा के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल कर इस संबंध में अपना पक्ष रखा था। इसके बाद सरकार ने मेले का आयोजन नहीं करने व मंदिर नहीं खोलने का एलान किया। बैद्यनाथधाम ज्योर्तिंलिंग पर जलार्पण के लिए बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज गंगा तट से झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर तक 107 किमी लंबी कांवर यात्रा होती है।

Next Story

विविध