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झारखंड सरकार 204 मजदूरों पर लाॅकडाउन उल्लंघन मामले में दर्ज 30 एफआइआर लेगी वापस

Janjwar Desk
23 Aug 2020 5:31 AM GMT
झारखंड सरकार 204 मजदूरों पर लाॅकडाउन उल्लंघन मामले में दर्ज 30 एफआइआर लेगी वापस
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर राज्य सरकार यह कदम उठा रही है। इस संबंध में प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है। हालांकि झारखंड में अब भी दूसरे राज्यों से आने पर सख्त होम क्वारंटीन नियम लागू है और इसके लिए भी एफआइआर दर्ज की जा रही है...

जनज्वार। झारखंड सरकार लाॅकडाउन के दौरान मजदूरों पर दर्ज सभी एफआइआर को वापस लेगी। लाॅकडाउन क दौरान झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज की गई 30 एफआइआर राज्य सरकार अब वापस लेगी। राज्य सरकार ऐसा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर करने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों पर दर्ज सभी एफआइआर वापस लेने का राज्यों को आदेश दिया था।

झारखंड में प्रवासी मजदूरों पर दर्ज 30 अलग-अलग एफआइआर में कुल 204 मजदूर आरोपी बनाए गए थे। रांची जिले के सिल्ली थाने में 32 प्रवासी श्रमिकों पर एफआइआर दर्ज की गई थी, जबकि लोहरदगा जिले में 15 एफआइआर दर्ज की गई थी। सिमडेगा जिले में दो, जमशेदपुर में एक, चाईबासा में पांच, दुमका में एक और साहिबगंज जिले में चार व पाकुड़ जिले में एफ एफआइआर दर्ज की गई थी।

झारखंड सरकार की ओर से शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में अधिसूचना प्रारूप को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, राज्य ने प्रवासी मजदूरों पर दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने की प्रक्रिया आरंभ की है।

हालांकि झारखंड में अब भी दूसरे राज्यों से आने पर होम क्वारंटीन का पालन नहीं करने पर सख्त नियम है। इस मामले में अबतक रांची सहित कुछ अन्य जगहों पर लोगों पर एफआइआर दर्ज की गई है।

वहीं, शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को एक पत्र लिख कर कहा है कि व्यक्तियों व सामान की अंतर राज्यीय आवागमन में अवरोध नहीं पैदा करें, ऐसा करना केंद्र सरकार के लाॅकडाउन को लेकर जारी गाइडलाइन का उल्लंघन होगा।

ऐसे में झारखंड सरकार इस पर क्या अगला स्टैंड लेती है, यह देखना होगा। क्योंकि इस वक्त होम क्वारंटीन के कारण सख्त नियम से लोगों काम धंधे के लिए भी दूसरे राज्यों में जाने से बचते हैं। इससे अर्थव्यवस्था व रोजी-रोजगार को नुकसान हो रहा है।

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