Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Kanpur Violence : "नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो यात्रा" निकालने वाला जफर हयात कैसे बन गया कानपुर बवाल का मुख्य आरोपित ?

Janjwar Desk
4 Jun 2022 5:15 PM IST
Kanpur Violence : नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो यात्रा निकालने वाला जफर हयात कैसे बन गया कानपुर बवाल का मुख्य आरोपित ?
x

Kanpur Violence : "नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो यात्रा" निकालने वाला जफर हयात कैसे बन गया कानपुर बवाल का मुख्य आरोपित ?

Kanpur Violence : जिन पोस्टरों की बात कहकर जफर को फंसाया जा रहा है वे उसके आंदोलन को वापस लेने के पहले ही लगाए गए थे। पर, बाद में उसने बंद का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। प्रशासन की ओर से ये जानकारी मिलने पर कि उक्त दिन देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इसी इलाके में दौरा है, जफर ने प्रशासन के निर्देश पर बंदी का कार्यक्रम वापस ले लिया था...

Kanpur Violence : कानपुर में हुए बवाल (Kanpur Violence) के मामले में मुख्य आरोपित बताकर पुलिस ने जफर हयात हाशमी को गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें जफर हयात हाशमी वही शख्स है जिसने भाजपा नेता के विवादास्पद बयान के बाद फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों से कानपुर में बाजार बंद करने और जेल भरो आंदोलन (Kanpur Violence) करने की अपील की थी। अब पुलिस ने जफर हयात हाशमी को कानपुर में पोस्टर लगावाने का आरोप लगाया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक कानपुर हिंसा मामले में पीएफआई का हाथ होने की खबरें भी आ रही है। पुलिस के दावों और मीडिया में चलायी जा रही खबरों में कितना दम है यह तो विस्तृत जांच के बाद ही पता चलेगा पर फिलहाल जफर की गिरफ्तारी के बाद जफर के परिवार का कहना है कि उसे बेवजह फंसाया जा रहा है और उसने बंद के आह्वान को प्रशासन के कहने पर वापस ले लिया था।

जिन पोस्टरों की बात कहकर जफर को फंसाया जा रहा है वे उसके आंदोलन (Kanpur Violence) को वापस लेने के पहले ही लगाए गए थे। पर, बाद में उसने बंद का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। प्रशासन की ओर से ये जानकारी मिलने पर कि उक्त दिन देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इसी इलाके में दौरा है, जफर ने प्रशासन के निर्देश पर बंदी का कार्यक्रम वापस ले लिया था। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जफर सीधा घर लौटा था। परिजनों का कहना है कि ऐसे में जफर को पुलिस का मुख्य आरोपित के रूप में पेश करना गलत है। आपको बता दें कि पुलिस जिस जफर हयात हाशमी को कानपुर मामले में मुख्य आरोपित के तौर पर पेश कर ही है, वह एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन नाम की एक संस्था चलाता है, वह खुद को इस संस्था का अध्यक्ष बताता है। यह संस्था खुद के राष्ट्र और समाज के प्रति समर्पित होने का दावा करती है।

जफर हयात हाशिमी के बंद के आह्वान (Kanpur Violence) को वापस लेने से जुड़ी कुछ वीडियो फुटेज कुछ समाचार चैनलों पर जफर की गिरफ्तारी के बाद चलायी भी गयी हैं, जिसमें वह कहता हुआ दिख रहा है कि प्रशासन के कहने पर हमने अपने शांतिपूर्वक बंद को वापस ले लिया है। अब हम आगे का कोई कार्यक्रम 05 जून को ही तय करेंगे। इस वीडियो फुटेज में जफर यह भी कहता हुआ दिख रहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो 5 जून को वो जेल भरो अभियान शुरू करेंगे, पर फिलहाल प्रशासन की अपील पर बंदी का कार्यक्रम वापस ले लिया गया है।

पुलिस का कहना है कि जफर ने लोगों को उकसाया

पुलिस ने कहा कि मौलाना मुहम्मद जौहर अली फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में बाजार बंद का आह्वान किया था। आरोप है कि इस दौरान हाशमी ने लोगों को उकसाया, जिससे दो पक्षों के बीच पथराव हुआ और धीरे-धीरे उसने बवाल और झड़ का रूप ले लिया। इस बवाल के दौरान हुई हिंसा में पुलिसकर्मियों सहित 30 से अधिक लोग जख्मी हो गए थे।

पुलिस का आरोप- पहले भी हिंसक प्रदर्शनों में शामिल रहा है जफर

पुलिस के मुताबिक हाशमी कथित रूप से कानपुर में प्रस्तावित नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में भी शामिल रहा था। इससे पहले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा था कि हिंसा में शामिल लोगों पर कठोर गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उनकी संपत्ति को जब्त या ध्वस्त कर दिया जाएगा।

इन लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया

बवाल के बाद दर्ज की गयी प्राथमिकी में नामित अन्य आरोपियों में एहितशाम, जीशान, आकिब, निजाम, अजीजुर, आमिर जावेद, इमरान काले, यूसुफ मंसूरी शामिल हैं। 1,000 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा और हिंसा को लेकर तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने कहा कि रात भर की छापेमारी के बाद अब तक 35 गिरफ्तारियां की गई हैं, और वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के जरिए हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से भी लिंक की जांच की जा रही है।

सूफी खानकाह एसोसिएशन ने लगाया था पीएफआई कनेक्शन का आरोप

वहीं बवाल के बाद सूफी खानकाह एसोसिएशन की ओर से कानपुर हिंसा को लेकर एक बड़ा बयान दिया गया है, एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी कैसर हसन मजीदी ने कहा कि इस हिंसा के पीछे पीएफआई का कनेक्शन है। इस मामले में उन्होंने सरकार से उच्चस्तरीय जांच की अपील की है।

फेसबुक पर समाजसेवा का दावा करता रहा है जफर हयात

कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) के मामले में गिरफ्तार किए गए जफर हयात हाशमी के बारे में जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार जफर अपने संगठन एमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के बैनर तले समाजसेवा के कार्य करता था। उसके फेसबुक प्रोफाइल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार जफर ने कोरोना काल के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने की पहल की थी। उससे इससे जुड़ी कई तस्वीरें अपने फेसबुक प्रोफाइल पर डालकर रखी हैं। उसने कोरोना काल के दौरान अपने घर 50 बेड का अस्पताल बनाने का प्रस्ताव भी दिया था। बीते साल 26 सितंबर 2021 को जफर ने फर्रुखाबाद से कन्नौज के बीच नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो यात्रा भी निकाली थी।

क्या था पूरा मामला?

आपको बता दें कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी (Kanpur Violence) से मुस्लिम समाज के लोगों में नाराजगी है, जिसे लेकर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कानपुर में बवाल हो गया। इस बीच अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और लोगों को वहां से खदेड़ा। पुलिस ने 18 उपद्रवियों को हिरासत में लिया था। जोहर फैंस एसोसिएशन और अन्य मुस्लिम तंजीमों ने पहले ही शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय से कारोबार बंद रखने की अपील की थी। इसी बीच यह विवाद सामने आया। फिलहाल पुलिस अब आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। जफर हयात हाशिमी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

Next Story

विविध